अनिल अंबानी पर 420 करोड़ के टैक्स चोरी का इल्जाम; आयकर विभाग ने भेजा नोटिस
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अनिल अंबानी पर 420 करोड़ के टैक्स चोरी का इल्जाम; आयकर विभाग ने भेजा नोटिस

BLACK MONEY: आयकर विभाग ने कहा है कि अनिल अंबानी (Anil Ambani) ने विदेशी बैंकों के खाते में रखे लगभग 814 करोड़ रुपये की जानकारी आयकर विभाग को नहीं देकर काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. 

 

अनिल अंबानी

नई दिल्लीः आयकर विभाग ने काला धन कानून (Black Money Act) के तहत कथित रूप से 420 करोड़ रुपये की कर चोरी को लेकर रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) के खिलाफ मामला चलाने के लिए नोटिस (Income Tax notice) जारी किया है. यह कर स्विट्जरलैंड के दो बैंक खातों (Swiss Bank Account) में रखे गए 814 करोड़ रुपये से ज्यादा के बेहिसाब धन से जुड़ा मामला है. विभाग ने 63 वर्षीय अंबानी पर जानबूझकर टैक्स नहीं चुकाने का इल्जाम लगाया है. 

अधिकतम 10 साल की कैद की सजा हो सकती है 
अंबानी को इस संदर्भ में कारण बताओ नोटिस इस महीने की शुरुआत में जारी किया गया था. इस बारे में अंबानी के कार्यालय से संपर्क किया गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है. विभाग ने कहा कि उनके खिलाफ काला धन कर अधिरोपण अधिनियम 2015 की धारा 50 और 51 के तहत मुकदमा चलाने के मामला बनता है. इसमें जुर्माने के साथ अधिकतम 10 साल की कैद की सजा का प्रावधान है. विभाग ने इल्जामों पर 31 अगस्त तक जवाब मांगा है.

कई कंपनियों के मालिक हैं अनिल अंबानी 
उद्योगपति पर वित्त वर्ष 2012-13 से 2019-20 के दौरान विदेश में बेनामी संपत्ति रख कर चोरी का इल्जाम है. नोटिस के मुताबिक, टैक्स अधिकारियों ने पाया कि अंबानी बहामास स्थित इकाई डॉयमंड ट्रस्ट और एक दूसरी कंपनी नार्दर्न एटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (एनएटीयू) में आर्थिक पार्टनर के साथ-साथ लाभार्थी मालिक भी हैं. एनएटीयू का गठन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में किया गया था. बहामास ट्रस्ट के मामले में विभाग ने पाया है कि यह ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक नाम की कंपनी थी.

स्विस बैंक के खाते में 3.2 करोड़ डॉलर
स्विस बैंक में खाता कंपनी का है. खाते में 31 दिसंबर, 2007 को सबसे ज्यादा 32,095,600 डॉलर (3.2 करोड़ डॉलर) की रकम थी.नोटिस में कहा गया है कि ट्रस्ट को शुरू में 2.5 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण मिला था. इस फंड का सोर्स अंबानी का ‘ निजी खाता’ था. यह पाया गया है कि अंबानी ने 2006 में इस ट्रस्ट को खोलने के लिए केवाईसी दस्तावेज के तौर पर अपना पासपोर्ट दिया था. इस ट्रस्ट के लाभार्थियों में उनके परिवार के लोग भी शामिल हैं. 

पीयूएसए नाम की इकाई से 10 करोड़ डॉलर लिए थे
ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड कंपनी का गठन जुलाई, 2010 में हुआ था. इसका अकाउंट बैंक ऑफ साइप्रस (ज्यूरिख) में है. विभाग ने दावा किया है कि अंबानी इस कंपनी और उसके कोष के लाभार्थी मालिक हैं. विभाग के मुताबिक, कंपनी पर इल्जाम है कि उसने कथित रूप से 2012 में बहामास में पंजीकृत पीयूएसए नाम की इकाई से 10 करोड़ डॉलर लिए थे. इसके भी लाभार्थी मालिक भी अंबानी हैं. आयकर विभाग ने कहा, ‘‘जो सबूत मौजूद हैं, उससे साफ है कि अंबानी विदेशी ट्रस्ट डॉयमंड ट्रस्ट में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ लाभार्थी मालिक भी हैं. वह कंपनी ड्रीमवर्क्स होल्डिंग इंक का बैंक खाता, एनएटीयू और पीयूएसए के लाभकारी मालिक हैं. इसलिए उपरोक्त संस्थाओं के पास उपलब्ध धन/संपत्ति अंबानी की ही है.’’

काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया 
विभाग ने इल्जाम लगाया है कि अंबानी ने इन विदेशी संपत्तियों के बारे में आयकर रिटर्न में जानकारी नहीं दी. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2014 में पहली बार सत्ता में आने के फौरन बाद लाए गए काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की चूक जानबूझकर की गई है. कर अधिकारियों ने दोनों खातों में अघोषित कोष 8,14,27,95,784 रुपये (814 करोड़ रुपये) होने का अनुमान लगाया है. इस पर कर देनदारी 420 करोड़ रुपये बनती है.

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