एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या: इस आधार पर हरियाणा के विधायक गोपाल कांडा हुए बरी
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एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या: इस आधार पर हरियाणा के विधायक गोपाल कांडा हुए बरी

Air hostess Geetika Sharma suicide case : यह मामला 5 अगस्त 2012 का है, जब गीतिका शर्मा अपने दिल्ली आवास में शर्मा मृत पाई गई थीं. उस वक्त गोपाल कांडा पर शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था.

एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या: इस आधार पर हरियाणा के विधायक गोपाल कांडा हुए बरी

नई दिल्लीः लगभग 13 साल पुराने एयर होस्टेस गीतिका शर्मा के आत्महत्या मामले में सिरसा के पूर्व विधायक और हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा का कोर्ट ने बरी कर दिया है. दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया है. इस केस में गोपाल कांडा को लगभग 18 महीने जेल में बिताने पड़े थे.  गोपाल कांडा को एयर होस्टेस गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था. 5 अगस्त 2012 को अपने दिल्ली आवास में शर्मा मृत पाई गई थीं.

मंगलवार को राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने कांडा को मामले से बरी कर दिया है. अदालत ने उनकी एमडीएलआर कंपनी की वरिष्ठ प्रबंधक अरुणा चड्ढा को भी इस मामले में बाइज्जत बरी कर दिया है.

इस आधार पर कोर्ट ने आरोपी को किया बरी 

कोर्ट ने कहा, "शर्मा के सुसाइड नोट के आधार पर गोपाल कांडा को दोषी साबित नहीं किया जा सकता. महज सुसाइड नोट में किसी आरोपी के नाम का जिक्र भर होने से किसी को आत्महत्या के लिए उकसाने का कसूरवार नहीं माना जा सकता. किसी का दोष साबित होने के लिए ज़रूरी है कि उस नोट में उस उकसावे / हरकत का जिक्र हो जिससे परेशान होकर पीड़ित इंसान ये कदम उठा रहा हो."  सुसाइड नोट में गीतिका ने अपने नज़रिए से गोपाल कांडा को खराब इंसान बताया था, लेकिन कोई ऐसी घटना का जिक्र नहीं किया जिससे लगे कि उसके साथ कोई धोखा हुआ या आरोपियों ने उसके साथ विश्वासघात किया है. गीतिका के सुसाइड नोट में गोपाल कांडा की ऐसी कोई ख़ास हरकत या उकसावे का जिक्र नहीं है, जिसके चलते वो आत्महत्या के लिए उकसावे को मज़बूर हुई हो. सुसाइड नोट में इसका जिक्र नहीं है कि गोपाल कांडा ने गीतिका को संडेल एजुकेशन सोसायटी से जुड़े दस्तावेजों पर दस्तखत करने के लिए दवाब बनाया.. इसका भी जिक्र नहीं है कि कांडा ने नूपुर या अंकिता सिंह के खिलाफ गोवा में दर्ज FIR को वापस लेने के लिए दबाव बनाया या फिर कांडा ने उसे MBA की फीस 745 426 वापस लेने के लिए दबाव बनाया था. गीतिका शर्मा की मौत से 7 -8 महीने तक गीतिका और गोपाल कांडा के बीच टेलीफोन पर कोई बातचीत नहीं हुई थी. गीतिका शर्मा और इस केस में सह आरोपी अरुणा चड्डा के बीच भी एक महीने से भी बातचीत नहीं हुई थी. इसलिए आरोपियों ने आत्महत्या के उकसाया हो, ऐसा नहीं लगता है. गीतिका और गोपाल कांडा के बीच दोस्ताना सम्बंध थे, दोनों एक साथ कई जगह घूमने जाया करते थे. गोपाल कांडा ने भी गीतिका को फायदा पहुंचाया था. इसलिए पुलिस का ये कहना कि आरोपियों ने ऐसे हालात बनाये कि गीतिका के आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा, सही नहीं है. गोपाल कांडा की MDLR एयर लाइन्स जॉइन करने से पहले, वहाँ प्रमोशन पाने और MDLR से इस्तीफा देकर Emirates airlines जॉइन करने का फैसला गीतिका का अपना था. ऐसा कोई सबूत नहीं जिससे यह तस्दीक हो सके कि गीतिका को इस्तीफा देने के लिए उस पर दबाव डाला गया था. अपमी मर्जी से MDMR ग्रुप छोड़ने के गीतिका के फैसले को आरोपियों की और से उकसावा नहीं समझा जा सकता. 

गीतिका शर्मा को गोपाल कांडा ने दिया था आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन

कांडा की एमएलडीआर एयरलाइंस में एयर होस्टेस के तौर पर काम करने वाली गीतिका शर्मा को सुसाइड नोट लिखने के एक दिन बाद मृत पाया गया था.
गौरतलब है कि 4 अगस्त, 2012 को अपने सुसाइड नोट में गीतिका शर्मा ने लिखा था कि वह कांडा और उसके साथियों द्वारा उत्पीड़न से तंग आकर अपनी जिंदगी खत्म कर कर रही हैं. एयरलाइंस में गीतिका शर्मा के कार्यकाल के दौरान, प्रशिक्षु के रूप में शामिल होने के तीन साल बाद उन्हें कांडा की एक कंपनी के निदेशक के रूप में प्रोमोट किया गया था. उस वक्त मुकदमा दर्ज होने के बाद कांडा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. कांडा ने 2008 में गुरुग्राम से एमडीएलआर एयरलाइंस नामक एक विमानण कंपनी की स्थापना की थी, हालांकि विवादों में फंसने के बाद 2009 में एयरलाइंस ने परिचालन बंद कर दिया गया था.

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