बिहार में आदित्य ठाकरे, नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात; क्यों पास आ रहे हैं धुर-विरोधी ?
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बिहार में आदित्य ठाकरे, नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात; क्यों पास आ रहे हैं धुर-विरोधी ?

Aditya Thackeray Bihar Visit: आदित्य ठाकरे अपनी पार्टी के सहयोगियों प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई के साथ बुधवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की.  

बिहार में आदित्य ठाकरे, नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात; क्यों पास आ रहे हैं धुर-विरोधी ?

पटनाः 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ‘विपक्षी एकजुटता’ की हलचलों के बीच बुधवार को महाराष्ट्र में विपक्षी दल शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे बिहार की राजधानी पटना में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की. आदित्य ठाकरे अपनी पार्टी के सहयोगियों प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई के साथ तेजस्वी यादव के घर पहुंचे थे. तेजस्वी यादव के साथ आदित्य ठाकरे की मुलाकात पहले से तय थी. इस मौके पर तेजस्वी यादव ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे को अपने पिता और राष्ट्रीय जनता दल के सद्र लालू प्रसाद की जिंदगी पर आधारित किताबें भेंट कीं. बाद में आदित्य ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की. 
 

दोनों नेताओं की पहली मुलाकात; मुंबई आने का दिया न्यौता  
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे ठाकरे ने कहा, ’’तेजस्वी और मैं एक ही उम्र के हैं. हम तब से फोन पर बात कर रहे हैं, जब मैं सरकार में था और वह (बिहार) विपक्ष में थे. हम पहली बार मिले हैं.’’ दूसरी तरफ, तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर अपनी मुलाकात की तस्वीरें शेयर करते हुए कहा, ’’पटना पहुंचने पर भाई आदित्य ठाकरे का जोरदार स्वागत किया.’’ वहीं, शिवसेना विधायक और पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने सीएम और डिप्टी सीएम दोनों को अपनी सुविधानुसार मुंबई आने का न्यौता दिया है. 

संविधान और लोकतंत्र बचाने को आ रहे हैं साथ 
आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव दोनों युवा नेता बिल्कुल अलग-अलग विचारधारा को सपोर्ट करते हैं. आदित्य ठाकरे के दादा और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे जहां हमेशा मराठा गौरव और हिंदुत्व के पैरोकार रहे थे, वहीं तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर एक धर्मनिरपेक्ष नेता की रही है. दोनों युवा नेताओं - तेजस्वी यादव, 33 और आदित्य ठाकरे, 32 ने कहा कि किसी भी चीज़ से ज्यादा, वे संविधान और लोकतंत्र को बचाने में सहयोग करेंगे जो देश में इस वक्त सबसे ज्यादा खतरे में हैं. ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया कि महा विकास अघडी के दौरान कैसे सरकार ने महाराष्ट्र की प्रगति के लिए संविधान के अनुसार काम किया है. आदित्य ठाकरे ने जोर देकर कहा कि बैठक राजनीतिक नहीं थी और बिहार के लोगों के लिए नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव द्वारा किए जा रहे अच्छे कामों की सराहना की. 

भाजपा के विरोध में ऐसे बन रहे हैं समीकरण 
आदित्य ठाकरे के पिता उद्धव ठाकरे ने तीन साल पहले भाजपा से नाता तोड़ कर महाराष्ट्र में कांग्रेस और अन्य गैर भाजपा दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. अब वह भाजपा के लिए एक बागी नेता बन चुके हैं. यानी दोनों पार्टियों के बीच 36 का आंकड़ा चल रहा है. इधर नीतीश कुमार ने भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़कर बिहार में महागठबंधन की नई सरकार में शामिल हो चुके हैं. नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को परास्त करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता को लेकर सक्रिय हैं. वहीं, एक पखवाड़े पहले, आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ शामिल हुए थे. 

 

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