सऊदी अरब ने 6 ईरानी पत्रकारों को क्यों हिरासत में लिया? वजह जानकर हो जाएंगे हैरान
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सऊदी अरब ने 6 ईरानी पत्रकारों को क्यों हिरासत में लिया? वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

Iran News: ईरान, दुनिया का सबसे बड़ा शिया मुस्लिम देश है. वहीं, सऊदी अरब सुन्नी सबसे शक्तिशाली देश है. सऊदी अरब ने साल 2016 में सऊदी शिया धर्मगुरु निम्र अल-निम्र को फांसी की सजा दी थी. जिसके बाद ईरान ने सऊदी से सभी राजनयिक संबंध तोड़ दिया था. 

सऊदी अरब ने 6 ईरानी पत्रकारों को क्यों हिरासत में लिया? वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

Iran News: सऊदी अरब ने ईरान के 6 सरकारी टीवी के चालक दल समेत पत्रकारों को रिहा कर दिया है. ईरान ने आज यानी 29 मई को यह जानकारी दी है. इन सभी पत्रकारों को हज से पहले करीब एक सप्ताह तक हिरासत में लिया गया था. पत्रकारों की रिहाई रियाद और तेहरान के बीच चीनी मध्यस्थता वाले समझौते के एक साल बाद हुई है. हालांकि, सऊदी अरब ने पत्रकारों को हिरासत में लेने की बात फौरन नहीं कबूल किया था.

कुरआन की तिलावत का बना रहे थे वीडियो
ईरान की सरकारी टीवी ने दावा किया है कि जब मदीना में कुरआन की तिलावत की रिकॉर्डिंग कर रहे थे. उसी वक्त चालक दल के तीन सदस्यों को हिरासत में लिया गया था. उन पत्रकारों को क्यों हिरासत में लिया गया, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन कई घंटों पूछताछ के बाद इन सभी को पुलिस हिरासत में रखा गया. उसके दो दिन बाद, सऊदी पुलिस ने ईरान के अरबी भाषा के अल आलम चैनल के एक पत्रकार और एक दूसरे सरकारी टीवी के पत्रकार को हिरासत में लेने की बात स्वीकार की थी.

ईरानी मीडिया ने क्या दावा किया
ईरानी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जब पत्रकार हजयात्रियों के साथ मदीना में दाखिल होने के लिए कार से उतर रहे थे. उसी वक्त उन्हें हिरासत में लिया गया था. वहीं, एक दूसरे रेडियो पत्रकार को मदीना के एक होटल में हिरासत में लिया गया था. अब सभी 6 लोगों को रिहा कर दिया गया है. अब इन लोगों को ईरान भेज दिया है. ईरान के विदेश मंत्रालय और राज्य टीवी के जरिए कोशिशों के बाद इन सभी की रिहाई हुई है. वहीं, ईरान की सरकारी टीवी का कहना है कि इन सभी पत्रकारों ने कोई अपराध नहीं किया था, जिससे उनको हिरासत में लिया गया था. 

ईरान ने तोड़ दिए थे राजनयिक संबंध
ईरान, दुनिया का सबसे बड़ा शिया मुस्लिम देश है. वहीं, सऊदी अरब सुन्नी सबसे शक्तिशाली देश है. सऊदी अरब ने साल 2016 में सऊदी शिया धर्मगुरु निम्र अल-निम्र को फांसी की सजा दी थी. जिसके बाद ईरान ने सऊदी से सभी राजनयिक संबंध तोड़ दिया था. फांसी का विरोध कर रहे गुस्साए ईरानियों ने ईरान में दो सऊदी राजनयिक मिशनों पर धावा बोल दिया. सऊदी अरब ने 1987 में हज के दौरान हुए दंगों और फारस की खाड़ी में शिपिंग पर ईरान के हमलों के कारण 1988 से 1991 तक ईरान के साथ संबंध तोड़ लिए थे. उस कूटनीतिक रोक की वजह से ईरान ने सऊदी अरब में हज में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों पर रोक लगा दी थी.

हाल में ईरानी हजयात्रियों पर लगा था बैन
तनाव के हालिया दौर में भी ईरानी हजयात्रियों को कुछ समय के लिए हज में शामिल होने से रोका गया था. ईरान ने अतीत में इस बात पर जोर दिया है कि उसके तीर्थयात्रियों को बड़े पैमाने पर "काफिरों से इनकार" समारोह आयोजित करने की इजाजत दी जाए, इजरायल और सऊदी सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका की निंदा करने वाली रैलियां की. सऊदी अरब हज के दौरान ऐसे राजनीतिक प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाता है, जिसमें दुनिया भर से लगभग 2 मिलियन मुसलमान शामिल होते हैं.

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