Iran President Funeral Ceremony: 19 मई को इब्राहिम रईसी, हेलिकॉप्टर से अजरबैजान से तेहरान वापस लौट रहे थे. तभी अचानक ईरान-अजरबैजान बॉर्डर के पास हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया. जिसमें राष्ट्रपति रईसी, ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियान समेत 9 लोगों की मौत हो गई.
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Iran President Funeral Ceremony: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के जनाजे में शामिल होने के लिए भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ तेहरान पहुंच गए हैं. विदेश मंत्रालय ने इस खबर की तस्दीक की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "भारत की तरफ से शोक समारोह में हिस्सा लेने के लिए उपराष्ट्रपति ईरान गए हैं."
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 19 मई को इब्राहिम रईसी, हेलिकॉप्टर से अजरबैजान से तेहरान वापस लौट रहे थे. तभी अचानक ईरान-अजरबैजान बॉर्डर के पास हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया. जिसमें राष्ट्रपति रईसी, ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियान समेत 9 लोगों की मौत हो गई. इन सभी लोगों के बॉडी को तबरिज शहर से तेहरान लाया गया है, जहां, ईरान के सुप्रीम लीडर ने जनाजे की नमाज पढ़ाई. इसके बाद राष्ट्रपित की शव को इनके होम टाउन मशहद ले जाया जाएगा. जहां उनको दफनाया जाएगा. रईसी का जन्म मशहद शहर में हुआ था. मशहद को ईरान का दूसरा सबसे पाक जगह माना जाता है.
Minutes ago Imam Khamenei led the funeral prayer over the bodies of President Ebrahim Raisi and his esteemed companions pic.twitter.com/eSFemTDsne
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) May 22, 2024
राष्ट्रपति और पीएम ने जताया था शोक
इससे पहले इब्राहिम रईसी की मौत के बाद देश के पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ईरान के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की थी. वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी दिल्ली में मौजूद ईरान के दूतावास का दौरा किया था. इसके साथ ही भारत सरकार ने 23 मई को सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया था. ईरान के अलावा पाकिस्तान, लेबनान, भारत समेत कई देशों ने इब्राहिम रईसी की मौत पर शोक मनाया गया.
भारत को होगा फायदा
हाल में ही भारत और ईरान में 13 मई को चाबहार पोर्ट को लेकर एक समझौता हुआ था. जिसमें पोर्ट का पूरा मैनेजमेंट भारत के पास 10 साल के लिए होगा. भारत को इस पोर्ट के जरिए सेंट्रल एशिया व्यापार करने के लिए एक नया रूट मिल जाएगा. जिससे पाक की जरूरत खत्म हो जाएगी. यह पोर्ट अफगानिस्तान और भारत के लिए एक वैकल्पिक रूट मुहैया कराएगा. ऐसे हालात में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के ईरान दौरे से दोनों देशों के बीच और मधुर संबंध होंगे. इस प्रोजेक्ट को और बल मिलेगा.