Pakistan PM: पाकिस्तान में जल्द ही सियासी संकट खत्म हो जाएगा. यहां नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री हो सकते हैं. नवाज शरीफ ने पीएम पद के लिए अपने भाई के नाम का प्रस्ताव रखा है.
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Pakistan PM: पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए. इसके बाद यहां सरकार बनने की कवायद जारी है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के एक प्रवक्ता ने बीते रोज कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ नए गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री के रूप में नामित होंगे. पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) ने मंगलवार को कहा कि वह अल्पमत सरकार बनाने के लिए शरीफ की पार्टी का समर्थन करेगी.
शहबाज शरीफ होंगे पाकिस्तान के पीएम
शरीफ की पार्टी के प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने सोशल मीडिया साइट एक्स, पर एक पोस्ट में कहा कि शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज शरीफ ने उन्हें इस पद के लिए नामांकित किया था. शहबाज शरीफ अपने भाई की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) से संबंधित हैं, जो 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी मान्यता प्राप्त पार्टी है, और PPP 54 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है. दोनों दलों के पास 264 सीटें हो गईं, जो साधारण बहुमत के लिए काफी है.
पीपीपी ने दिया बयान
पीपीपी के सह-अध्यक्ष, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शहबाज शरीफ और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठे एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमने फैसला किया है कि हम पाकिस्तान को संकट से बाहर निकालने के लिए मिलकर सरकार बनाएंगे."
इमरान ने नहीं मिलाया हाथ
जेल में बंद पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान द्वारा समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 101 सीटें जीतीं, जिससे वे सबसे बड़ा समूह बन गए, लेकिन वे अपने दम पर सरकार नहीं बना सकते, क्योंकि वे एक पार्टी के रूप में नहीं बल्कि व्यक्तियों के रूप में चल रहे हैं, और उन्होंने पीएमएल-एन या पीपीपी के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया. भुट्टो जरदारी ने कहा कि खान के निर्दलीय और पीएमएल-एन के पास उनकी पार्टी से अधिक संख्या है, लेकिन खान ने पीपीपी के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया है.
आसिफ अली जरदारी होंगे पीएम
भुट्टो जरदारी ने कहा कि पीपीपी नहीं चाहती कि पाकिस्तान में स्थायी आर्थिक संकट बने या फिर से चुनाव के कारण राजनीतिक संकट पैदा हो. भुट्टो जरदारी चाहते थे कि उनके पिता आसिफ अली जरदारी फिर से राष्ट्रपति बनें. टीवी चैनल जियो न्यूज ने पीपीपी सूत्रों के हवाले से यह भी कहा कि पार्टी चाहती है कि उसके द्वारा नियुक्त लोग सभी चार प्रांतों में राज्यपाल का पद संभालें.