चीन में उइगर मुस्लिम पर हो रहे तशद्दूद को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन का एक डेलिगेशन पूर्वी तुर्किस्तान की सफर पर हैं. लेकिन विश्व उइगर कांग्रेस ने इसकी मजम्मत की है.
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China News: विश्व उइगर कांग्रेस ( World Uyghur Congress ) ने इस्लामिक सहयोग संगठन ( OIC ) के एक डेलिगेशन के चीन के पूर्वी तुर्किस्तान के दौरे की मजम्मत की है. 17 अगस्त को राजदूत दया-एद्दीन बामाखरामा की कयादत में इस्लामिक सहयोग संगठन ( OIC) का एक डेलिगेशन चीन के उप विदेश मंत्री डेंग ली और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chini Communist Party ) के अधिकारियों से मिलने के लिए चीन पहुंचा. WUC ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि प्रतिनिधिमंडल "मुस्लिम समुदाय के हालात का जायजा लेने के लिए पूर्वी तुर्किस्तान का भी दौरा करेगा".
WUC के चीफ डोल्कुन ईसा ने कहा,"ओआईसी यह विश्वास करके चीनी प्रचार तंत्र के जाल में फंस जाता है कि वे उइगरों को बिना किसी धार्मिक या सांस्कृतिक दमन के साथ स्वतंत्र रूप से रहते हुए देख सकते हैं. इस्लाम और उइगर संस्कृति को लोगों के सामने दिखाया जा रहा है. जबकि हमारे लाखों लोगों को उनके धर्म का पालन करने से बैन किया गया है. अपराधी बनाया गया है और दंडित किया गया है. इस यात्रा के साथ ओआईसी पूर्वी तुर्किस्तान के उइगर और अन्य तुर्क मुसलमानों के खिलाफ चल रहे नरसंहार की पूरी तरह से उपेक्षा करता हैं".
2014 से चीनी सरकार ने 'स्ट्राइक हार्ड कैंपेन' के जरिए इस्लाम की मज़हबी मश्क को चरमपंथ और आतंकवाद से जोड़ दिया है. विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि उइगर लगातार निगरानी में हैं क्योंकि उइगर सांस्कृतिक और मजहबी पहचान खत्म हो गई है.
हालांकि उनके चार्टर के अनुच्छेद 1 के मुताबिक, ओआईसी ने कहा, "गैर-सदस्य राज्यों में मुस्लिम समुदायों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों, सम्मान और धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करने" की कसम खाई थी. हालांकि, CCP ने मज़हबी किताबों और कुरान को सामूहिक रूप से जलाने के दौरान ओआईसी मेंमबर चुप रहे.
विश्व उइगर कांग्रेस (डब्ल्यूवाईसी) ने आगे कहा, "ओआईसी लगातार चुप है क्योंकि उइगरों को तशद्दूद, बलात्कार, जबरन श्रम और हिरासती कैंप में मनमानी तौर पर में इंसानी हुकूक के उल्लंघन का सामना करना पड़ रहा है".
"इसने उइगरों के जिंदगियों को पूरी तरह से नज़रअंदाज करने के मजम्मत की.और ओआईसी से अपने खुद के नैतिक मूल्यों और उसूलों को बनाए रखने और चीनी सरकार के अपराधों में शामिल नहीं होने का आह्वान किया है".
WYC ने कहा, OIC के मेंबर देशों को सामूहिक तौर पर उइगरों के व्यवस्थित उत्पीड़न की मजम्म्त करनी चाहिए.
"स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को मूल मूल्यों के रूप में रखा जाना चाहिए और ओआईसी उइगरों के मौलिक मानवाधिकारों के खत्म और उनके नरसंहार का अंधा गवाह नहीं बन सकता. हम ओआईसी प्रतिनिधिमंडल को याद दिलाते हैं कि इस्लामी कानूनों को हर जगह हिफाजत की जानी चाहिए. सभी रूपों में मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के लिए अपनी जिम्मेदारी के प्रति सच्चा रहना चाहिए."