Bangladesh news: बांग्लादेश में रिजर्वेशन को लेकर हुए छात्रों के उग्र आंदोलन ने शेख हसीना को 15 साल की सत्ता से बेदखल कर दिया था. हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा. अब एक बार फिर आंदोलनकारी सड़कों पर उतरकर राष्ट्रगान को बदलने की मांग करने लगे हैं. इस पर आज मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने बड़ा बयान दिया है.
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Bangladesh News: बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद बाद अब राष्ट्रगान को बदलने की मांग उठने लगी है. इस मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर गए हैं. विरोध प्रदर्शन कर रहे संगठनों का कहना है कि यह राष्ट्रगान भारत ने उन पर थोपा है. हालांकि, इसको लेकर मोहम्मद यूनुस ( Muhammad Yunus ) की अंतरिम सरकार ने बड़ा बयान दिया है.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों के सलाहकार अबुल फैज़ मुहम्मद खालिद हुसैन ( Muhammad Khalid Hussain ) ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं है. स्थानीय मीडिया ने हुसैन के हवाले से कहा, "अंतरिम सरकार विवाद पैदा करने के लिए कुछ नहीं करेगी, हम सभी के सहयोग से एक सुंदर बांग्लादेश का निर्माण करना चाहते हैं."
जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कुछ दिन पहले ही एक पूर्व सैन्यकर्मी ने कहा था कि ‘आमार सोनार बांग्ला’ राष्ट्रगान भारत द्वारा 1971 में बांग्लादेश पर थोपा गया था. इतना ही नहीं इस राष्ट्रगान को रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था. इसके बाद राष्ट्रगान को लेकर विवाद खड़ा हो गया और लोग रोड पर उतर आए. इसके बाद बांग्लादेश के प्रमुख सांस्कृतिक संगठन उदिची शिल्पीगोष्ठी ने शुक्रवार को एक प्रोग्राम आयोजित किया था. इसके बाद राष्ट्रगान को बदलने की मांग ने जोर पकड़ लिया.
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जमात-ए-इस्लामी ने भी राष्ट्रगान को बदलने की मांग
बांग्लादेश की पूर्व पीएम को 15 की सत्ता से बेदखल करने अहम भूमिका निभाने वाली पार्टी जमात-ए-इस्लामी ( Jamat-e- Islami ) के पूर्व अमीर गुलाम आजमी के बेटे अब्दुल्लाह अमान आजमी ने भी मौजूदा राष्ट्रगान को बदलने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि देश के ये राष्ट्रगान अस्तित्व के विपरीत है. उन्होंने कहा कि दो बंगालों को एकजुट करने के लिए बनाया गया राष्ट्रगान 1971 में आजाद हुए बांग्लादेश का राष्ट्रगान कैसे बन सकता है? भारत ने हमारे देश पर यह राष्ट्रगान थोपा था. इसलिए सरकार को एक नया राष्ट्रगान चुनने के लिए एक आयोग बनाना चाहिए.