भारत- मालदीव विवाद: ढीली पड़ गई मुइज्जू की अकड़; पुरानी दोस्ती का हवाला देकर किया सरेंडर!
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भारत- मालदीव विवाद: ढीली पड़ गई मुइज्जू की अकड़; पुरानी दोस्ती का हवाला देकर किया सरेंडर!

Maldives President Muizzu: बीते दिनों पीएम मोदी लक्षद्वीप दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए तस्वीरों के साथ एक संदेश शेयर किया था. जिसपर मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.

भारत- मालदीव विवाद: ढीली पड़ गई मुइज्जू की अकड़; पुरानी दोस्ती का हवाला देकर किया सरेंडर!

Maldives President Muizzu: पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप की तस्वीरों पर हुए विवाद के बाद बीते कुछ दिनों से इंडिया और मालदीव के संबंधों में खटास पैदा हो गई थी, लेकिन इस तनातनी के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के तेवर नरम पड़ गए हैं. मुइज्जू ने दोनों मुल्कों के बीच के संबंधों की दुहाई दी है.

राष्ट्रपति भवन से जारी किया गया बयान
मालदीव के राष्ट्रपति भवन की तरफ एक बयान जारी किया गया है, जिसमें मुइज्जू ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी को गणतंत्र दिवस की बधाई दी है और दोनों मुल्कों के बीच के संबंधों और आपसी सम्मान पर जोर दिया है. जारी बयान में इंडिया के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि की कामना करते हुए मालदीव के लोगों और सरकार की तरफ से भारत के लोगों और सरकार को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि मालदीव और इंडिया की दोस्ती सदियों पुरानी है. 

दोनों देशों में इस वजह से हुआ था विवाद
बीते दिनों पीएम मोदी लक्षद्वीप दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए तस्वीरों के साथ एक संदेश शेयर किया था. जिसपर मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया था. ज्यादा विवाद बढ़ने के बाद मालदीव सरकार ने तीनों मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था. 

मुइज्जू ने कही थी ये बात
दोनों देशों के तनातनी के बीच मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के पांच दिवसीय दौरे पर चले गए थे. चीन दौरे से लौटने के बाद मालदीव के राष्ट्रपित लगातार भारत पर निशाना साध रहे हैं. मुइज्जू, मालदीव लौटते ही बड़ा बयान दिया था, उन्होंने कहा था, "हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. हम भले ही छोटा मुल्क हो सकते हैं, लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता." हांलाकि, मालदीव के राष्ट्रपति ने सीधे तौर किसी देश का नाम नहीं लिया था, लेकिन ऐसा माना जा रहा था कि उनका निशाना इंडिया की तरफ था. क्योंकि इंडिया के कुछ सैनिक मालदीव में तैनात थे. 

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