Bangladesh News: बांग्लदेश की अंतरिम सरकार ने दुर्गा पूजा के मौके पर वहां हिन्दुओं को बड़ा सौगात दी है. डॉक्टर मोहम्मद युनूस ने देश में दुर्गा पूजा उत्सव के लिए छुट्टियों को बढ़ाने का ऐलान किया है. साथ ही हाल के दिनों में हुए अल्पसंख्यक समुदाय के ऊपर हमलों से प्रभावित लोगों को मुआवजा देने का फैसला किया है.
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Bangladesh news: डॉक्टर मोहम्मद युनूस की अगुआई वाली बांग्लादेश की अंतरिम सराकर ने देश में दुर्गा पूजा उत्सव के लिए छुट्टियों को बढ़ाने का ऐलान किया है. बांग्लादेश में करीब 9 फीसदी हिंदू आबादी है. बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था. उग्र प्रदर्शकारियों ने अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के लोगों के घर और धार्मिक स्थानों को भारी नुकसान पहुंचाया था. इसे लेकर नोबेल पुरुस्कार विजेता मोहम्मद युनूस की कई देशों ने आलोचनाएँ की थीं.
मुख्य सलाहकार के उप प्रेस सचिव अबुल कलाम आज़ाद ने एएनआई को बताया अतिरिक्त छुट्टी की घोषणा अल्पसंख्यक समूह की तरफ से 8 सूत्री मांग जारी करने के बाद की गई. उन्होंने कहा, "परंपरागत रूप से बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के लिए एक दिन की छुट्टी होती थी, लेकिन इस बार दो सार्वजनिक छुट्टियां होंगी और इसे सप्ताहांत के दो दिनों में जोड़ा जाएगा, इसलिए कुल मिलाकर दुर्गा के अवसर पर बांग्लादेश में 4 दिनों की छुट्टियां मनाई जाएंगी."
उन्होंने आगे कहा कि अतिरिक्त छुट्टी को एक कार्यकारी आदेश के जरिए से जोड़ा जाएगा जो आज जारी किया गया. आजाद ने कहा, "सरकार ने बांग्लादेश में 5 अगस्त के बदलाव के बाद हाल के हमलों से प्रभावित लोगों को मुआवजा देने का फैसला किया है."
सेना प्रमुख ने दिए सख्त निर्देश
ढाका की रहने वाली पूजा ने दुर्गा पूजा लेकर काफी आशावादी हैं. उन्होंने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने यह सुनिश्चित किया है कि पूजा में कोई घटना नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अलग अलग लेवलों पर समन्वय देखा जा रहा है और सेना प्रमुख पहले से ही सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए थाने और रिजनल लेवल जैसे सभी स्तरों पर संदेश भेज रहे हैं.
मुख्य सलाहकार ने क्या कहा था
ज्ञात हो कि 5 अगस्त को शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ लगातार हमले देखे गए. इससे पहले अगस्त में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने एक सार्वजनिक बयान में कहा था, "हमारी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में, हमें मुस्लिम, हिंदू या बौद्ध के रूप में नहीं, बल्कि इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए. हमारे अधिकारों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए."