मुस्लिम होने के बावजूद नहीं है 'हज' की इजाजत, जानें 'अहमदिया मुसलमान' के बारे में सब कुछ
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मुस्लिम होने के बावजूद नहीं है 'हज' की इजाजत, जानें 'अहमदिया मुसलमान' के बारे में सब कुछ

Who is Ahmadiyya Muslim: भारत में अहमदिया मुस्लिमों को गैर-मुस्लिम कहे जाने पर विवाद हो रहा है. आज हम इस खबर में जानेंगे कि अहमदिया मुस्लिम कौन हैं.

मुस्लिम होने के बावजूद नहीं है 'हज' की इजाजत, जानें 'अहमदिया मुसलमान' के बारे में सब कुछ

Who is Ahmadiyya Muslim: यह कहना गलत नहीं होगा कि अहहदिया मुसलमान बहुत नया समुदाय है. साल 1889 में मिर्जा गुलाम अहमद नाम के एक शख्स ने पंजाब के लुधियाना से इस धर्म की शुरूआत की. उन्होंने एक बैठक बुलाई और इसमें अपने आपको खलीफा बताया. जैसे और धर्मों में शांति, प्रेम, न्याय और जीवन की पवित्रता जैसी बातें कही जाती हैं वैसे ही उन्होंने इस धर्म में भी इन बातों के बारे में बताया. मिर्जा गुलाम अहमद ने एक तरह से  इस्लाम धर्म में पुनरुत्थान की बात.

अहमदिया मुसलमान की शिक्षा

अहमदिया को कादियानी भी कहा जाता है. इसकी वजह यह है कि मिर्जा गुलाम अहमद कादियान गांव से थे. अहमदियाओं की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक "अल्लाह ने मिर्जा गुलाम अहमद को धार्मिक युद्धों और कट्टर सोच को समाप्त करके शांति बहाल करने के लिए धरती पर भेजा था." अहमदिया समुदाय लोग काफी लिबरल होते हैं. ऐसा इसलिए है कि मिर्जा गुलाम अहमद दूसरे धर्म के संस्थापकों और संतों को पढ़ने पर जोर देते थे. उनका कहना था सभी धर्मों को पढ़कर और उनकी अच्छी बातें अपने अंदर आत्मसात करके ही सच्चा मुसलमान बन सकते हैं.

अहमदिया मुसलमानों की ऑफीशियल वेबसाइट के मुताबिक वह तीन 'इस्लाम के पांच फर्ज' शहादा, नमाज, रोजा, जकात और हज को मानते हैं. वह कुरान को अपना पवित्र किताब मानते हैं. इसके साथ ही वह पैगंबर मुहम्मद को भी मानते हैं. 

अहमदिया मुसलमानों की दादाद

अहमदिया मुस्लिम के संस्थापक मिर्जा गुलाम अहमद है. इस वक्त अहमदियाओं के खलीफा मिर्जा मसरूर अहमद हैं. एक अंदाजे के मुताबिक पूरी दुनिया में अहमदियाओं की तादाद 1 करोड़ के करीब है. भारत में कुल अहमदियाओं की तादाद 10 लाख है. पाकिस्तान में अहमदियाओं की तादाद 40 लाख बताई जाती है. पूरी दुनिया के 200 देशों में अहमदियाओं की तादाद है. पहले अहमदियाओं का मुख्यालय पाकिस्तान में था. लेकिन अब इसका मुख्यालय इंग्लैंड है. भारत में जब साल 2011 में जनगणना हुई तो इस अहमदिया मु्स्लमानों को एक वर्ग माना गया. 

हज पर पाबंदी

सऊदी अरब अहमदिया मुस्लिमों को मुसलमान नहीं मानता है. इसलिए साल 2018 में सऊदी अरब ने अहमदिया मुस्लिमों के लिए हज पर पाबंदी लगा दी. अगर वह हज पर जाते भी तो उन्हें हिरासत में लेकर उनके देश वापस भेज दिया जाता. एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 1974 में मक्का में इस्लामिक फिक्ह काउंसिल ने एक फतवा जारी कर अहमदिया मुस्लिम को काफिर और गैर-मुस्लिम बताया था.

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