Padam Award 2025 to Muslims: शिक्षा और कला के क्षेत्र में इन तीन मुस्लिम विभूतियों को मिला पद्मश्री अवार्ड!
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Padam Award 2025 to Muslims: शिक्षा और कला के क्षेत्र में इन तीन मुस्लिम विभूतियों को मिला पद्मश्री अवार्ड!

Padam Award 2025 to Muslims: पद्म पुरस्कार 2025 से सम्मानित होने वाले नामों ऐलान कर दिया है. इस साल सैयद ऐनुल हसन ( Syed Ainul Hasan) को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है. वहीं, बेगम बतूल (Begam Batool) और फारूक अहमद मीर (Farooq Ahmad Mir) को कला के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है.

Padam Award 2025 to Muslims: शिक्षा और कला के क्षेत्र में इन तीन मुस्लिम विभूतियों को मिला पद्मश्री अवार्ड!

Padam Award 2025 to Muslims: गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने आज यानी 25 जनवरी 2025 को पद्म पुरस्कार 2025 से सम्मानित होने वाले नामों ऐलान कर दिया है. इस लिस्ट में 4 मुसलमानों के नाम हैं, जिनमें भारत के तीन मुसलमानों के नाम भी शामिल हैं. इस साल सैयद ऐनुल हसन ( Syed Ainul Hasan) को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है. वहीं, बेगम बतूल (Begam Batool) और फारूक अहमद मीर (Farooq Ahmad Mir) को कला के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है. इस अवसर पर आइए जानते हैं उन तीन लोगों के बारे में जिन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है.

कौन हैं सैयद ऐनुल हसन (Syed Ainul Hasan)
सैयद ऐनुल हसन का जन्म 15 फरवरी 1957 को इलाहाबाद में हुआ था. वे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के भाषा, साहित्य और संस्कृति अध्ययन स्कूल में फ़ारसी और मध्य एशियाई अध्ययन के पूर्व प्रोफेसर थे. सैयद ऐनुल हसन ने कश्मीर यूनिवर्सिटी, JNU और कॉटन कॉलेज स्टेट यूनिवर्सिटी के लिए सिलेबस तैयार किया है. फिलहाल  Maulana Azad National Urdu University के वाइस चांसलर हैं. सैयद ऐनुल हसन 2017 में भारत के राष्ट्रपति प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया था. अब पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.

बेगम बतूल (Begam Batool) 
बेगम बतूल राजस्थान की रहने वाली हैं. राजस्थान में उन्हें भजनों की बेगम के नाम से भी जाना जाता है. वह मीरासी समुदाय की गायिका हैं, वे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी मांड गायकी के लिए जानी जाती हैं. मुस्लिम होने के बावजूद बतूल बेगम भगवान राम और भगवान गणेश के भजन गाती हैं. बेगम बेगम पिछले 5 सालों से पेरिस में यूरोप के सबसे बड़े होली महोत्सव में परफॉर्म कर रही हैं. 

बतूल बेगम ने 5वीं क्लास में ही पढ़ाई छोड़ दी थी और 16 साल की उम्र में उनकी शादी फिरोज खान से हो गई जो कंडक्टर थे. बतूल बेगम के तीन बेटे थे. गरीबी में दिन गुजरे लेकिन बतूल बेगम ने अपना और अपने परिवार का हौसला बनाए रखा. विदेशों में कई बार सम्मानित हो चुकी बतूल बेगम को फ्रांस और ट्यूनीशिया की सरकारों ने भी सम्मानित किया है.  बैतुल बेगम ने अमेरिका, ब्रिटेन फ्रांस, ट्यूनीशिया, इटली, स्विट्जरलैंड और जर्मनी में भी प्रदर्शन किया है. 

फारूक अहमद मीर (Farooq Ahmad Mir) 
इस साल कला के क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर के फारूक अहमद मीर (Farooq Ahmad Mir) को सम्मानित किया गया है.

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