क्या होती है शत्रु संपत्ति, संभल के बाद मुजफ्फरनगर की मस्जिद पर विवाद..., जानें मस्जिद का क्या है पाक कनेक्शन?
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क्या होती है शत्रु संपत्ति, संभल के बाद मुजफ्फरनगर की मस्जिद पर विवाद..., जानें मस्जिद का क्या है पाक कनेक्शन?

Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश के संभल शाही मस्जिद के बाद अब मुजफ्फरनगर की मस्जिद को लेकर भी विवाद  शुरू हो गया है. रेलवे स्टेशन के ठीक सामने एक मस्जिद है, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि इस मस्जिद को वक्फ की जमीन पर नहीं, बल्कि 'शत्रु संपत्ति' पर बनवाई गई है. इतना ही नहीं इस मस्जिद की इस प्रोपर्टी का कनेक्शन पाकिस्तान से भी है. आइए जानते हैं शत्रु संपत्ति और इस प्रोपर्टी का पाकिस्तान कनेक्शन क्या है?

 

क्या होती है शत्रु संपत्ति, संभल के बाद मुजफ्फरनगर की मस्जिद पर विवाद..., जानें मस्जिद का क्या है पाक कनेक्शन?

Muzaffarnagar Masjid Vivad: उत्तर प्रदेश में हर रोज मस्जिद और दरगाहों पर नए-नए दावे किए जा रहे हैं. संभल शाही मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई. वहीं, अब राज्य में एक और मस्जिद पर विवाद शुरू हो गया है. मुजफ्फरनगर जिले के रेलवे स्टेशन के ठीक सामने बनी एक मस्जिद को लेकर हिंदू शक्ति संगठन ने जांच की मांग थी, जिसका आज एक रिपोर्ट आया है. इसमें दावा किया गया है यह प्रोपर्टी 'शत्रु संपत्ति' है.  

दरअसल, हिंदू शक्ति संगठन ने डेढ़ साल पहले मुजफ्फरनगर प्रशासन से लेकर लखनऊ तक इस मस्जिद को लेकर शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी. इसके बाद इस मांग पर  प्रशासन ने स्तरीय जांच के लिए टीम गठित की जिसमें पाया रेलवे स्टेशन के सामने बनी मस्जिद 'शत्रु संपत्ति' पर है. इस जामीन को गृह मंत्रालय ने 'शत्रु संपत्ति' घोषित कर दिया है.

मिली जानकारी के मुताबिक, मस्जिद की जमीन पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाक़त अली के पिता रुस्तम अली के नाम पर दर्ज है. आरोप है कि साल 1918 में इस जमीन पर कब्जा कर इसे वक्फ बोर्ड की प्रोपर्टी दर्शाकर मस्जिद बनवाई गई है. 

पाकिस्तान के पहले पीएम की थी प्रोपर्टी
शिकायतकर्ता संजय अरोड़ा का आरोप है कि उस मस्जिद को होटल नुमा बनाया गया है मुजफ्फरनगर डेवलेपमेंट अथॉरिटी से बगैर नक्शा पास करवाए ही मस्जिद पर निर्माण कार्य कराया गया है. यहां पर मस्जिद के अलावा दुकान भी बनाई गई है. हाल ही में जांच के बाद आए नए आदेश के मुताबिक, इस प्रोपर्टी को बंटवारे के दौरान भारत छोड़कर पाकिस्तान गए सज्जाद अली पिता रुस्तम अली खान की जमीन है. सज्जाद अली खान पाकिस्तान के पहले पीएम लियाकत अली खान के भाई हैं. जिनकी प्रोपर्टी को अब भारत सरकार ने 'शत्रु संपत्ति' घोषित कर दिया है.

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दोनों पक्षों को सुनने के बाद घोषित हुआ शत्रु संपत्ति
हालांकि, पिछले कई सालों इस जमीन पर मुस्लिम पक्ष का कब्जा है और यहां पर मस्जिद का भी निर्माण कराया गया है. डेढ़ साल से पहले डीएम द्वारा गठित टीम द्वारा पूरे मामले की जांच कराई गई और दोनों पक्षों को सुना गया. बताया जा रहा है कि मामले में लखनऊ से भी टीम गठित कर जांच करवाई गई थी, जिसके बाद गृह विभाग ने इस प्रॉपर्टी को शत्रु संपत्ति घोषित या.

क्या होती है शत्रु संपत्ति, आसान भाषा में समझें?  
शत्रु संपत्ति यानी दुश्मन की प्रोपर्टी. यहां दुश्मन से मतलब किसी व्यक्ति का नहीं, बल्कि मुल्क का है. मसलन पाकिस्तान और चीन. साल 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद भारत दो टुकड़ों में बंट गया. भारत से अलग होकर नया मुल्क पाकिस्तान बना. 

नए मुल्क के वजूद में आने के बाद हजारों- लाखों की तादाद में लोगों ने पाकिस्तान को अपना मुल्क चुना.  ऐसे में, जो लोग पाकिस्तान चले गए वो अपना सब कुछ अपने पीछे छोड़ गया. यानी घर-मकान, ज़मीन-जेवरात, हवेलियां-कोठियां, कंपनियां वगैरह-वगैरह. जिनपर अब सरकार का कब्ज़ा है. आइए अब आसाना भाषा समझते हैं शत्रु संपत्ति के बारे में....

साल 1962 में भारत का चीन से जंग हुई. इसके बाद साल 1965 और 1971 में पाकिस्तान से युद्ध हुआ.  इस जंग के बाद भारत से हजारों की तादाद में लोग पाकिस्तान चले गए. इसी के मद्देनजर, भारत की डिफेंस एक्ट, 1962 के तहत बनाए गए भारत रक्षा नियमों के तहत, भारतीय गवरनमेंट ने पाकिस्तान की राष्ट्रीयता लेने वालों की संपत्तियों और कंपनियों को अपने कब्जे में ले लिया.

हालांकि, भारत सरकार ने 'शत्रु संपत्ति' के संबंध में पहला आदेश 10 सितंबर 1959 में जारी किया था, जबकि दूसरा आदेश 18 दिसंबर 1971 को जारी किया था. वहीं, इस मामले के लिए 1968 में पारित एक शत्रु संपत्ति एक्ट भी है. इस एक्ट के तहत ऐसी तमाम संपत्तियों के मालिकों को अपनी जायदाद के रख-रखाव के लिए कुछ अधिकार भी मिले हुए हैं. 

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