मुस्लिम दुकानदारों की पहचान ज़ाहिर करने के फैसले का उलेमा क्यों कर रहे हैं हिमायत?
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मुस्लिम दुकानदारों की पहचान ज़ाहिर करने के फैसले का उलेमा क्यों कर रहे हैं हिमायत?

Uttar Pradesh Muslim News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इंतेजामिया ने फरमान जारी किया है कि कांवड यात्रा के दौरान मुस्लिम होटल वाले अपनी पहचान जाहिर करें. इस फैसले का कई मुस्लिम मौलानाओं ने स्वागत किया है.

मुस्लिम दुकानदारों की पहचान ज़ाहिर करने के फैसले का उलेमा क्यों कर रहे हैं हिमायत?

Uttar Pradesh Muslim News: इन दिनों उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है. उत्तर प्रदेश के जिला संभल में प्रशासन ने कहा है कांवड यात्रा के रास्ते में जो भी ढापे पड़ते हैं, वह अपनी पहचान जाहिर करें. ढाबा के मालिक अपना नाम जाहरि. आदेश के मुताबिक ढाबा मालिक ढाबों के बोर्ड पर अपना नाम साफ-साफ लिखें. इस फैसले का संभल के कुछ मुस्लिम मौलानाओं ने स्वागत किया है.

मुस्लिम ध्रमगुरू ने किया स्वागत
मुस्लिम धर्म गुरु शहर काजी मगरूब ने कहा है कि होटल रेस्टोरेंट ढाबों के बोर्ड पर होटल संचालक का नाम लिखे जाने की हिदायत जायज है. इस्लाम किसी को धोखा देने की इजाजत नहीं देता. हालांकि मौलाना ये भी कहा है कि मुस्लिमों के रेस्टोरेंट, होटल और ढाबों के हिन्दू धार्मिक नाम की वजह से बंद कर देने का आदेश गलत है. मौलाना ने कहा है कि कोई भी मुस्लिम होटल या रेस्टोरेंट का नाम हिंदू नाम पर रखे या मुस्लिम इसकी आजादी है.

बोर्ड पर लिखें नाम
ढाबा के बोर्ड पर ढाबा मालिक के नाम लिखने के फरमान को बरेली के उलमाओं ने अमन शांति का फरमान माना है. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने प्रशासन का इस फरमान का स्वागत करते हुए कहा है कि यह एक अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि अगर कावड़ यात्रा के रास्ते में आने वाले दुकानदारों के बॉर्डर पर नाम लिख दिए जाएं तो इससे कोई विवाद नहीं होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कावड़ यात्रा के रास्तों में आने वाली नॉनवेज की दुकानों को बंद करने का आदेश को भी मौलाना शहाबुद्दीन ने अच्छा फैसला बताया है. उन्होंने अपील की है कि दुकानदार मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन का इस फरमान का स्वागत करें.

क्या है मामला
ख्याल रहे कि उत्तर प्रदेश से कांवड़ ले जाने वाले लोग उत्तराखंड जाते हैं और वहां से जल लेकर आते हैं. ऐसे में पैदल चलते हैं. जब रास्ते में कोई होटल पड़ता है तो वहीं खाना खा लेते हैं. इस रास्ते में कई मु्स्लिम लोगों ने ढाबे खोले हैं. इन ढाबों पर हिंदू और मु्स्लिम नाम दोनों लिखा है. ऐसे में माना जा रहा है कि हिंदू लोग मु्स्लिम होटल पर खाना खा लेते हैं, जिससे उनको दिक्कत होती है.

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