शौहर ने गहने छीनकर बीवी को भेजा भारत फिर ब्रिटेन से वीडियो कॉल पर दे दिया तीन तलाक़
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शौहर ने गहने छीनकर बीवी को भेजा भारत फिर ब्रिटेन से वीडियो कॉल पर दे दिया तीन तलाक़

Maharashtra Triple Talaq Case: 2019 में, संसद ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 पारित किया, जिसने तलाक-ए-बिद्दत की प्रथा को एक आपराधिक कृत्य बना दिया, जिसके लिए तीन साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है, लेकिन इस कानून का डर किसी को नहीं है. महाराष्ट्र में ट्रिपल तलाक का मामला सामने आया है.

शौहर ने गहने छीनकर बीवी को भेजा भारत फिर ब्रिटेन से वीडियो कॉल पर दे दिया तीन तलाक़

Maharashtra Triple Talaq Case: भारत में तीन तलाक को लेकर सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन इस कानून का डर किसी को नहीं है. देश में हर दिन कहीं न कहीं तीन तलाक के मामले सामने आते रहते हैं. इस बीच महाराष्ट्र में तीन तलाक का मामला सामने आया है, जहां महिला को उसके शौहर ने वीडियो कॉल पर तीन तलाक दे दिया. महिला ने अपने शौहर और ससुराल वालों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने और वीडियो कॉल पर तीन तलाक देने का इल्जाम लगाया है. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक और भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मुंबई पुलिस ने यूनाइटेड किंगडम (यूके) में काम करने वाले एक व्यक्ति और उसके माता-पिता के खिलाफ दहेज को लेकर अपनी बीवी को परेशान करने और वीडियो कॉल पर तीन तलाक के जरिए तलाक देने का मामला दर्ज किया है. सीवुड्स की रहने वाली पीड़िता ने एनआरआई सागर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए.

पीड़िता ने लगाया गंभीर इल्जाम
पीड़िता ने इल्जाम लगाया कि 2022 में आकिब भाटीवाला से उसकी शादी, जो मुस्लिम रीति-रिवाजों के मुताबिक हुई थी, शुरू में शांतिपूर्ण लग रही थी. हालांकि, वडाला में अपने ससुराल वालों के घर जाने के बाद, उत्पीड़न शुरू हो गया. मामला तब और बिगड़ गया जब वह अपने शौहर और ससुराल वालों के साथ यूके चली गई, जहाँ कथित तौर पर दुर्व्यवहार जारी रहा. 

शौहर ने बीवी को घर से किया बेदखल
पीड़िता ने दावा किया कि घरेलू विवाद के बाद उसके शौहर ने उसके गहने जब्त कर लिए और उसे भारत वापस भेज दिया, जिससे उसका संपर्क टूट गया. इसके बाद, उसे वीडियो कॉल के दौरान ट्रिपल तलाक के जरिए तलाक मिल गया. ब्रिटेन लौटने के बाद भी, पीड़िता का दावा है कि उसे अपने पति के घर से बेदखल कर दिया. उसकी शिकायत के आधार पर, अधिकारियों ने मामले की जाँच शुरू कर दी है.

ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का हंटर
ट्रिपल तलाक इस्लामी कानून के तहत तलाक की प्रक्रिया है, जहाँ एक पति अपनी पत्नी को तीन बार 'तलाक' बोलकर तलाक दे सकता है. अगस्त 2017 में, 5 जजों की सुप्रीम कोर्ट बेंच ने माना कि तलाक-ए-बिद्दत या ट्रिपल तलाक की प्रथा 'स्पष्ट रूप से मनमाना' और असंवैधानिक है. 2019 में, संसद ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 पारित किया, जिसने तलाक-ए-बिद्दत की प्रथा को एक आपराधिक कृत्य बना दिया, जिसके लिए तीन साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है.

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