शादियों में फिजूलखर्ची पर उलेमा ने मुसलमानों को दी चेतावनी; मस्जिद में पढ़वाएं निकाह वरना...
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शादियों में फिजूलखर्ची पर उलेमा ने मुसलमानों को दी चेतावनी; मस्जिद में पढ़वाएं निकाह वरना...

Khargone News: एमपी में मौलानाओं ने एक नया फरमान जारी किया है. उलेमा ने शादी में फिजूलखर्ची और डीजे बजाने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी बरात में डीजे या साउंड नजर आया तो निकाह नहीं पढ़ाएंगे. 

 

शादियों में फिजूलखर्ची पर उलेमा ने मुसलमानों को दी चेतावनी; मस्जिद में पढ़वाएं निकाह वरना...

Muslim Community Angry DJ In Wedding: मध्य प्रदेश के खरगोन से मुस्लिम समाज के उलेमा ने अहम फैसला लिया है. मुस्लिम समुदाय में शादी (निकाह) जैसे होने वाले आयोजनों में अब फिजूल खर्च, डीजे बजाने, नाच- गाने जैसी गतिविधियों करने पर पाबंदी रहेगी. तंजीम उलमा ए हुफ़्फ़ान कमेटी के जिम्मेदार लोगों ने यह फैसला करके समाज से इस पर अमल करने की अपील की है. एमपी के खरगोन शहर के रामेश्वर टाकीज स्थित मदरसा इस्लामिया कार्यालय में आयोजित बैठक में मुफ्ती तारिक, मुफ्ती शोएब, मुफ्ती इरफान, मुफ्ती मोइज आदि मौजूद थे. कमेटी सदर मुसअब जिलानी ने बताया कि मुस्लिम समाज में होने वाली शादियों में इन दिनों डीजी जैसी चीजें आम तौर पर नजर आ रहा हैं.

 

उलेमा ने कहा कि, शरीयत और सुन्नत के हिसाब से शादी न करते हुए समारोह के आयोजन में डीजे, बाजे, आतिशबाजी, नाच-गाने, जुआ खेलने और अन्य प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. जो शरीयत के खिलाफ हैं. यदि ऐसे कार्यक्रम किए गए तो वहां मौलाना निकाह नहीं पढ़ाएंगे और ना ही उस शादी में किसी अन्य जगह के मौलाना शामिल होंगे. इस दौरान समाज के लोगों से भी अपील की गई कि इस तरह के प्रोग्राम्स का बहिष्कार करें. साथ ही मौलाना ने ऐसी शादियों में लोगों से शरीक ना होने की अपील की है. इस निर्णय को अमल में लाने के लिये मोहल्ला कमेटी भी बनाई जा रही है.

मोहल्ले की कमेटी ऐसे मामलों पर नजर रखेगी. अगर किसी भी शादी की तकरीब में डीजे बजता है तो वहां मौलाना निकाह नहीं पढ़ाएंगे. खरगोन में तंजीम उलमा ए हुफ़्फ़ान कमेटी के लोगों ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि शरियत और सुन्नत के हिसाब से ही शादी कराई जाए. ये पहला मौका नहीं है जब उलेमा ने ये फैसला लिया है. इससे पहले यूपी में भी उलेमा ने कहा था कि, अगर किसी भी बरात में डीजे या साउंड नजर आया तो निकाह नहीं पढ़ाएंगे. इस फरमान के बाद मुस्लिम समुदाय ने उलेमा की जमकर तारीफ की. 
  

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