अथॉरिटी ने नहीं दी इज़ाज़त, अफसर ने मौखिक रूप से कहा यहाँ पढ़ लें नमाज़; अब मस्जिद हटाने का भेजा नोटिस
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अथॉरिटी ने नहीं दी इज़ाज़त, अफसर ने मौखिक रूप से कहा यहाँ पढ़ लें नमाज़; अब मस्जिद हटाने का भेजा नोटिस

Ghaziabad News: गाजियाबाद थाना कौशांबी इलाके के वैशाली में सिंचाई विभाग ने एक मस्जिद को अवैध निर्माण बताकर नोटिस जारी किया है. इस मस्जिद की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए पुलिस और संबंधित विभागों को दी गई थी, इसके बाद विभाग ने ये कार्रवाई की.

अथॉरिटी ने नहीं दी इज़ाज़त, अफसर ने मौखिक रूप से कहा यहाँ पढ़ लें नमाज़; अब मस्जिद हटाने का भेजा नोटिस

Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश में मस्जिद और दरगाहों पर विवाद जारी है. अब नया मामला गाजियाबाद से आया है. यहां सिंचाई विभाग ने एक मस्जिद को अवैध निर्माण बताकर नोटिस जारी किया है. यह पूरा मामला जिले के थाना कौशांबी इलाके के वैशाली का है. आरोप है कि यहां अवैध रूप एक मस्जिद का निर्माण कराया गया है. इतना ही नहीं मस्जिद के साथ डिस्पेंसरी भी चलाई जा रही थी. इस मस्जिद की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए पुलिस और संबंधित विभागों को दी गई थी, इसके बाद विभाग ने मस्जिद के इंतजामिया को नोटिस जारी किया. 

इस मामले को लेकर सिंचाई विभाग ने स्थानीय पुलिस को मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी थी.  पुलिस ने अपनी जांच पूरी करते हुए सिंचाई विभाग को सभी जानकारी उपलब्ध कराई,  जिसके बाद विभाग ने मस्जिद और डिस्पेंसरी को हटाने के लिए नोटिस जारी किया. वहीं, पुलिस ने भी किसी तरह के धार्मिक आयोजन या नमाज पर रोक लगा दी है.

मस्जिद को लेकर पूर्व सीएम से की थी बात: मुस्लिम पक्ष 
नोटिस जारी होने के बाद मस्जिद के मैनेजर के हसन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मस्जिद के जिम्मेदार ने बताया कि उन्होंने साल 2007 में अथॉरिटी के अफसरों से बातचीत कर नमाज पढ़ने की इजाजत मांगी थी.लेकिन, अथॉरिटी उन्हें परमिशन नहीं दिया. हालांकि,  उन्होंने कहा कि उन्हें अफसरों ने हाई टेंशन लाइन के नीचे किसी भी जगह नमाज पढ़ने की मौखिक इजाजत दी थी. इसके बाद उन्होंने अलग-अलग अफसरों के साथ जिला प्रशासन, म्युनिसिपल डेवलेपमेंट अथॉरिटी और तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती से बातचीत भी की थी.

गौशाला और मंदिर को भी नोटिस
उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग की तरफ से मस्जिद के पास बने गौशाला और मंदिर को भी नोटिस दिया गया है.  फिलहाल अफसरों ने यहां पर नमाज पढ़ने से मना कर दिया है. उन्होंने आगे कहा कि इलाके में आसपास 2 किलोमीटर दूर तक कोई भी मस्जिद नहीं है, जबकि यहां ढाई सौ से ज्यादा मुस्लिम परिवार रहते हैं,  जिन्हें पांचो वक्त की नमाज अदा करने के लिए दो से तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. ऐसे में, संबंधित अफसरों से ये गुजारिश की जा रही है कि नमाज पढञने के लिए कहीं और जमीन उपलब्ध करा दें,  जहां इस क्षेत्र के लोग अपनी नमाज पढ़ सके.

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