ASI Survey: मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा सर्वे किया जा रहा है. सर्वे के आठवें दिन एएसआई की टीम सुबह 6 बजे सर्वे के लिए पहुंची. कैम्पस में शुक्रवार को अदा की जाने वाली नमाज के मद्देनजर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई.
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Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर धार के भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद कैम्पस में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का सर्वे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लगातार आठवें दिन भी जारी रहा. पुलिस के एक ऑफिसर ने बताया कि इस कैम्पस में शुक्रवार को अदा की जाने वाली नमाज के मद्देनजर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई. एएसआई टीम के लोग अलग-अलग उपकरणों से लैस होकर इस विवादित परिसर में सुबह 6 बजे सर्वे के लिए पहुंचे. धार के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने न्यूज एजेंसी को बताया कि, मौजूदा सिक्योरिटी फोर्स के अलावा शुक्रवार को भोजशाला कैम्पस में 35 इजाफी पुलिसकर्मी तैनात किए गए.
भोजशाला कैम्पस में पहले आमतौर पर तकरीबन 1 हजार 600 लोग नमाज अदा करते थे, लेकिन ASI का सर्वे शुरू होने बाद पिछले शुक्रवार इस कैम्पस में तकरीबन 2 हजार 400 लोगों ने नमाज अदा की थी. एक और पुलिस ऑफिसर ने बताया कि, मौजूदा वक्त में भोजशाला अहाते में 150 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं. सर्वे के आठवें दिन एएसआई टीम में दो नये विशेषज्ञ शामिल हुए. पुलिस अधीक्षक सिंह ने बताया कि, सिक्योरिटी व्यवस्था के तहत सर्वे शुरू होने के पहले दिन से ही भोजशाला कैम्पस और इसके आसपास CCTV कैमरे लगा दिए गए थे.
रमजान का आज तीसरा शुक्रवार है. पिछले हफ्ते नमाज के दौरान एएसआई की टीम भोजशाला परिसर से बाहर निकल गई थी. जराए ने बताया कि, एएसआई टीम ने भोजशाला परिसर में अपने सर्वे के दौरान एक जगह नींव के नीचे कुछ बीम देखे हैं और टीम को इससे कोई ठोस नतीजा निकालने के लिए अहाते के अन्य जगहों की खुदाई भी करनी पड़ सकती है. हिंदू तबके की नुमाइंदगी करने वाले आशीष गोयल और गोपाल शर्मा और मुसलमानों के लीडर अब्दुल समद सर्वे के दौरान एएसआई टीम के साथ थे.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने 11 मार्च को एएसआई को छह हफ्तों के अंदर भोजशाला परिसर का "वैज्ञानिक सर्वेक्षण" करने का आदेश दिया था. इसके बाद एएसआई ने 22 मार्च से इस अहाते का सर्वे शुरू किया था. यह परिसर एक मध्ययुगीन स्मारक है जिसे हिंदू समुदाय वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम तबका इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है. एएसआई के 7 अप्रैल 2003 को जारी ऑर्डर के मुताबिक, तय व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को हर मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की इजाजत है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह पर नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है.