IPL के सामने कहीं नहीं टिकता पाकिस्तान का PSL, खिलाड़ियों को उठाना पड़ता है भारी नुकसान!
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IPL के सामने कहीं नहीं टिकता पाकिस्तान का PSL, खिलाड़ियों को उठाना पड़ता है भारी नुकसान!

इंडियन प्रीमियर लीग और पाकिस्तान सुपर लीग में काफी फर्क है. ऐसे में आज हम आपको दोनों लीग्स के बारे में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. 

IPL के सामने कहीं नहीं टिकता पाकिस्तान का PSL, खिलाड़ियों को उठाना पड़ता है भारी नुकसान!

IPL VS PSL: भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई की तरफ से हर साल कराई जाने वाली क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की तर्ज पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की तरफ से पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) कराई जाती है. इन लीग्स में दुनियाभर के खिलाड़ियों की बोली लगती है और फिर वो उस फ्रेंचाइजी के लिए खेलते हैं जो उनकी सबसे ज्यादा कीमत लगती है. इस खबर में हम आपको दोनों लीग्स के कुछ फर्क बताने जा रहे हैं. 

हालांकि भारतीय खिलाड़ी आईपीएल के अलावा किसी अन्य लीग में नहीं खेलते हैं और पाकिस्तानी खिलाड़ी IPL के पहले सीजन को छोड़कर किसी भी आईपीएल सीजन का हिस्सा नहीं रहे हैं, फिर भी दोनों टीमों के फैंस पीएसएल और आईपीएल में सीधे तौर पर तुलना करते रहते हैं. जिस बात पर सबसे ज्यादा बहस होती है वह है दोनों लीग में खेलने वाले खिलाड़ियों को मिलने वाली सैलरी और बोली.

आमतौर पर देखा गया है कि पाकिस्तान सुपर लीग में खेलने वाले विदेशी खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग की तुलना में कई गुना कम पैसे में पाकिस्तान सुपर लीग खेलते हैं. अगर दोनों लीग की तुलना की जाए तो पाकिस्तान सुपर लीग की शुरुआत पांच टीमों से हुई थी, जिसमें सात साल में एक और टीम को जोड़ा गया है. फिलहाल PSL में 6 टीमें खेलती हैं. 

जबकि इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत आठ टीमों से हुई थी. अब IPL टीमों की तादाद दस तक पहुंच गई है. दोनों लीग के बीच मैचों की तादाद में भी काफी अंतर है. पीएसएल की शुरुआत 24 मैचों से हुई थी जिसमें अब मैचों की संख्या 34 हो गई है. वहीं आईपीएल की शुरुआत जहां 62 मैचों से हुई थी वहीं अब यह संख्या 74 पर पहुंच गई है.

अगर पीएसएल और आईपीएल के बजट की बात करें तो दोनों लीग के बजट में काफी अंतर है. 2016 में पीएसएल के लॉन्च के वक्त पहले तीन साल के लिए लीग का बजट 54 करोड़ रुपए था. जहां साल 2019 से 2021 तक पीएसएल का बजट दो अरब 14 करोड़ था, वहीं साल 2022 में बजट में बढ़ोतरी के बाद पीएसएल का बजट तीन अरब 90 करोड़ से ज्यादा हो गया है. 

दूसरी ओर, इंडियन प्रीमियर लीग के शुरुआती संस्करण का बजट लगभग 3000 करोड़ रुपये था। जबकि फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक अपने सोलहवें सीजन में आईपीएल का बजट करीब 12 हजार करोड़ रुपए पहुंच चुका है. जबकि अगले पांच साल के लिए आईपीएल का बजट करीब 60 हजार करोड़ रुपए है.

चूंकि इंडियन प्रीमियर लीग एक बड़े बजट की लीग है और इसमें खेलने वाली टीमें भारत की बड़ी-बड़ी व्यापारिक कंपनियों और व्यक्तियों की होती हैं, इसलिए इसमें पैसा और चमक-दमक PSL की तुलना में कई गुना अधिक होता है. 2008 में अपनी स्थापना के बाद से, आईपीएल में सबसे महंगे खिलाड़ी करोड़ों में खरीदे गए हैं और प्रत्येक खिलाड़ी को दी गई कुल राशि अन्य लीगों में पूरी टीमों को भुगतान की गई राशि से अधिक है.

यहां हम 2016 में पीएसएल की शुरुआत और 2008 से 2023 तक आईपीएल की शुरुआत से सबसे महंगे खिलाड़ियों को दिए गए वेतन पर एक नजर डालते हैं.
➤ 2008 के आईपीएल में सबसे महंगे खिलाड़ी भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे जिन्हें 9.5 करोड़ रुपये में खरीदा गया था.
➤ 2009 में बिके सबसे महंगे खिलाड़ी इंग्लैंड के बल्लेबाज केविन पीटरसन और ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को इस साल 9.8 करोड़ रुपये में खरीदा गया.
➤ 2010 में, दो खिलाड़ियों ने एक बार फिर आईपीएल में सबसे महंगे खिलाड़ी होने का गौरव हासिल किया. न्यूजीलैंड के शेन बॉन्ड और वेस्टइंडीज के कायरन पोलार्ड इस साल 4.8 करोड़ में बिके.
➤ 2011 में, भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर लगभग 15 करोड़ रुपये में बिके, जिससे वह आईपीएल में 10 करोड़ रुपये से अधिक में खरीदे जाने का अनूठा गौरव हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए.
➤ 2012 में रवींद्र जडेजा 12.8 करोड़ रुपये में बिके.
➤ 2013 में ग्लेन मैक्सवेल 6.3 करोड़ रुपये में बिके.
➤ 2014 और 2015 में युवराज सिंह क्रमश: 14 करोड़ और 16 करोड़ रुपए में बिके.
➤ 2016 में, ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन को आईपीएल में 9.5 करोड़ रुपये में बेचा गया था, जबकि उसी साल जब वह पीएसएल में खेले, तो उन्हें 200,000 डॉलर (लगभग 23 मिलियन) का भुगतान किया गया था.
➤ 2017 में इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स 14.5 करोड़ और 2018 में 12.5 करोड़ में बिके थे.
➤ 2019 में अपेक्षाकृत नए नामों जयदेव उनादकट और वरुण चक्रवर्ती की 8.4 करोड़ रुपये की बोली लगाई.
➤ 2020 में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस 15.5 करोड़ रुपये में बिके जबकि 2021 में क्रिस मॉरिस पर 16.25 करोड़ रुपये की बोली लगी.
➤ 2021 में भारतीय बल्लेबाज इशान किशन 15.25 करोड़ रुपये में बिके, जबकि इस साल के आईपीएल के लिए सबसे ज्यादा बोली इंग्लैंड के गेंदबाज सैम करन की लगी जो 18.5 करोड़ रुपये में बिके.

पीएसएल के महंगे खिलाड़ियों की कीमत:
पीएसएल के पहले सीज़न से, व्यक्तिगत रूप से बोली लगाने के बजाय, खिलाड़ियों को श्रेणियों में विभाजित किया गया था और प्रत्येक श्रेणी के खिलाड़ियों को एक विशिष्ट श्रेणी का हिस्सा बनने के लिए अधिकतम राशि के लिए चुना गया था. साल 2016 में पीएसएल का हिस्सा रहे खिलाड़ियों को पांच कैटेगरी में बांटा गया था. इन श्रेणियों में प्लेटिनम, डायमंड, गोल्ड, सिल्वर और इमर्जिंग शामिल थे.

इन श्रेणियों के मुताबिक प्लेटिनम वर्ग में शामिल खिलाड़ियों को 20 लाख रुपये, डायमंड में शामिल खिलाड़ियों को 70 लाख रुपये, गोल्ड में 50 लाख रुपये, सिल्वर में 30 लाख रुपये और 20 लाख रुपये की रकम दी गई. हालांकि, वक्त गुजरने के साथ इस रकम में इज़ाफा हुआ. इस साल प्लैटिनम कैटेगरी में शामिल खिलाड़ियों के लिए 170 हजार डॉलर की प्राइस कैप आवंटित की गई है.

डायमंड कैटेगरी के लिए 85,000 डॉलर की सीमा निर्धारित की गई है, जबकि सोने के लिए 50,000 डॉलर की कीमत सीमा पेश की गई है.
सिल्वर कैटेगरी में 25,000 डॉलर का सिल्वर कैप सेट किया गया है, जबकि इमर्जिंग कैटेगरी के लिए प्राइस कैप 7,500 डॉलर तय किया गया है.
एपीएसएल में पाकिस्तान टीम के कप्तान बाबर आजम, शादाब खान, राशिद खान, टॉम बेंटन, क्रिस लेन और हसन अली सबसे महंगे खिलाड़ी हैं.

इन सभी खिलाड़ियों को इस साल के पीएसएल सीजन में खेलने के लिए चार करोड़ आठ पाकिस्तानी रुपये मिलेंगे. जबकि दक्षिण अफ्रीका के रिले रूसो और डेविड मिलर को क्रमशः 150,000 डॉलर और 130,000 डॉलर मिलेंगे.

दोनों लीग में शामिल टीमों के बजट में भी दस गुना से ज्यादा का फर्क है. जहां एक तरफ पीएसएल में एक टीम का बजट 7 करोड़ 75 लाख है, वहीं दूसरी तरफ आईपीएल में एक टीम का बजट 90 करोड़ रुपये है. ये तुलना इस महीने के पीएसएल और अगले महीने के आईपीएल के दौरान जारी रहेगी, लेकिन दोनों लीग के बीच सबसे महत्वपूर्ण फर्क क्रिकेट की क्वॉलिटी और केवल क्रिकेट का होगा.

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