नेपाल की नेशनल क्रिकेट टीम में खेलेगा दुष्कर्म का आरोपी; विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
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नेपाल की नेशनल क्रिकेट टीम में खेलेगा दुष्कर्म का आरोपी; विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

नेपाल में बलात्कार के आरोपी क्रिकेटर संदीप लामिछाने को नेशनल टीम का हिस्सा बनाए जाने पर वहां बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया है. आने वाले समय में स्कॉटलैंड और नामीबिया की टीम के साथ नेपाल के संभावित मैच में संदीप लामिछाने का खेलना अब संदिग्द्ध होता ज रहा है. 

क्रिकेटर संदीप लामिछाने

काठमांडूः नेपाल में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ नेपाल द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का बहिष्कार करने की अपील तेज हो गई है, क्योंकि क्रिकेट नियामक संस्था ने बलात्कार के आरोपी क्रिकेटर संदीप लामिछाने को प्रैक्टिस करने की इजाजत दी है. शनिवार को लोग मैतीघर मंडल के धरना स्थल पर तख्तियां लेकर खड़े थे, जिसमें लामिछाने को टीम में शामिल करने के लिए कैन के कदम पर सवाल उठा रहे थे और उनका विरोध कर रहे थे. क्रिकेटर संदीप लामिछाने जमानत पर जेल से बाहर हैं, और उनपर नाबालिग से बलात्कार का आरोप है. 

प्रशासनिक केंद्र-सिंघा दरबार के पास तख्तियां लेकर खड़े प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिन पर लिखा "क्या हम सुरक्षित हैं?'' "जेंटलमैन गेम या मेंटलमैन गेम? सोशल मीडिया पर नेपाल के क्रिकेट नियामक संस्था के खिलाफ तूफान खड़ा हो गया है. एक ट्विटर यूजर ने स्कॉटलैंड और नामीबियाई टीम से आग्रह किया है कि इस महीने के आखिर में होने वाले खेल का वह बहिष्कार करें. यूजर ने लिखा है,  “नमस्ते, क्रिकेट स्कॉटलैंड और क्रिकेट नामीबिया, क्या आप नेपाल के साथ खेल का बहिष्कार कर सकते हैं. हमारी टीम में संदीप लामिछाने नाम का एक बलात्कार आरोपी खिलाड़ी शामिल है.’’

20 सदस्यीय राष्ट्रीय टीम शिविर का बना दिया हिस्सा 
गौरतलब है कि नेपाल 14-21 फरवरी से कीर्तिपुर में नामीबिया और स्कॉटलैंड की टीम के साथ आईसीसी विश्व कप लीग 2 के तहत एक त्रिकोणीय श्रृंखला की मेजबानी करने वाला है. हालांकि, गुरुवार से शुरू हुए अभ्यास के लिए लामिछाने को टीम में शामिल किए जाने के बाद से खेलों का बहिष्कार करने की मांग उठने लगी है. नेपाल के क्रिकेटर पर पिछले साल 21 अगस्त को 17 वर्षीय नाबालिग से बलात्कार का आरोप लगा था, और पाटन उच्च न्यायालय ने 13 जनवरी को जमानत पर उसे रिहा कर दिया था. इस मामले में मंगलवार को अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. वहीं, राष्ट्रीय क्रिकेट शासी निकाय, नेपाल क्रिकेट संघ ने मंगलवार को अपनी कार्यकारी समिति की बैठक के बाद 22 वर्षीय क्रिकेटर पर लगाए गए निलंबन को हटा दिया और उन्हें गुरुवार को घोषित 20 सदस्यीय राष्ट्रीय टीम शिविर में शामिल कर लिया था. 

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