कौन हैं वो महान मुस्लिम वैज्ञानिक इब्न अल नफीस, जिन्होंने समझाई थी इंसानी दिल की कार्यप्रणाली
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2020715

कौन हैं वो महान मुस्लिम वैज्ञानिक इब्न अल नफीस, जिन्होंने समझाई थी इंसानी दिल की कार्यप्रणाली

इस्लाम की दुनिया में एक प्रचलित नाम इब्र अल-नफीस भी है, जो महान मुस्लिम वैज्ञानिकों की लिस्ट में शामिल हैं. अल-नफीस की पहचान, एक प्रसिद्ध चिकित्सक और शोधकर्ता के रूप में है. उन्हें कई बिमारियों के इलाज़ के लिए भी जाना जाता है. पढ़ें अल-नफीस के बारे में.

कौन हैं वो महान मुस्लिम वैज्ञानिक इब्न अल नफीस, जिन्होंने समझाई थी इंसानी दिल की कार्यप्रणाली

इस्लाम में अपनी महान खोज़ों के लिए और चिकित्सा की नई प्रणाली विकसित करने के लिए जाना जाने वाला एक नाम है, अल-नफीस.  इब्न अल नफीस का पूरा नाम अलाउद्दीन अबू अल-हसन अली इब्न अबि अल-अज्म अल-कुर्सी ऑल-दमिस्की है. इनका जन्म साल 1213 में सीरिया में हुआ था. अल-नफीस एक अरब परिवार से तालुक्क रखते थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई साहित्य और दर्शन के क्षेत्र में थी. लेकिन शुरुआती तालीम के बाद उनका रुझान चिकित्सा क्षेत्र की ओर चला गया. इसके बाद अल- नफीस ने दमिश्क के नूरी अस्पताल में लगभग दस साल  तक पढ़ाई की. चिकित्सा के क्षेत्र में इतना लंबा समय देने के कारण अल-नफीस इस क्षेत्र के एक महान विशेषज्ञ बन कर उभरे. जिस कारण अल-नफीस को सुल्तान अयूबी द्वारा स्थापित अल-नसेरी अस्पताल में मुख्य चिकित्सक के रूप में नियुक्ति मिली. अल-नफीस सिर्फ चिकित्सा के क्षेत्र तक ही सीमित नहीं थी, अल-नफीस में अपने राष्ट्र के प्रति गहरा प्रेम था. एक समय के बाद इब्न अल नफीस सीरिया से मिस्त्र चले गए और अपनी बाकी जिन्दगी चिकित्सा के क्षेत्र में ही अभ्यास करते करते बिताया.
 अल-नफीस कुछ समय के लिए सुल्तान बैबर्स के निजी चिकित्सक भी रहें. इसके अलावा अपनी पूरी जिन्दगी में वो कई बड़े अस्पतालों में मुख्य चिकित्सक के रुप में कार्य करते रहे थे. 74 साल की उम्र में इस महान चिकित्स की मिस्त्र में ही मौत हो गई.

इब्न अल नफीस ने पल्मोनरी सर्कुलेशन का पता लगाया
पहले दिल के काम करने पर गैलेन का एक सिद्धांत था, जिसमें खून के बहाव  के बारे में बताया गया था. इस सिद्धांत के हिसाब से खून छोटे-छोटे छिद्रों के माध्यम से दाएं से बायीं ओर जाता है और फिर आॉक्सीजन के साथ मिल कर पूरे शारीर में बहता है . गैलेन ने कहा था कि Venous and arterial systems एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. इब्न अल नफीस ने गैलेन के सिद्धांत को खारिज किया और कहा कि दिल के दोनों तरफ दाएं या बाएं में अदृश्य छिद्र नहीं होते हैं. उन्होंने बताया कि पल्मोनरी सर्कुलेशन के माध्यम से दिल के बाएं वेंट्रिकल से दाएं वेंट्रिकल में खून का बहाव होता है. इब्न अल नफीस ने ही सबसे पहले बताया कि जिस्म में  खून का बहान दिल की धड़कन की वजह से होता है. उन्होंने इस विषय पर एक गहरी खोज की थी और अल-नफीस की इस खोज से चिकित्सा के क्षेत्र में एक क्रांति आई थी. पल्मोनरी सर्कुलेशन के अलावा उन्होंने कोरोनरी और कैपेलेरी सर्कुलेशन के initial structure की भी जानकारी दी.

इब्न अल-नफीस की लिखी अहम किताबें
इब्न अल नफीस की  किताब अल मुजाज़, यूरिनिरी ट्रैक की पथरी और किडनी की पथरी पर लिखी एक अहम किताब है. अपनी इस किताब में, उन्होंने किडनी और यूरिनिरी ट्रैक के संक्रमणों पर भी चर्चा की है.  इसके अलावा, उन्होंने अल-शामिल फि अल-टिब्ब (द कॉम्प्रिहेंसिव बुक ऑन मेडिसिन) लिखी. जिसे लेकर उनकी योजना थी की 300 सेक्शन वाला एक विस्तृत विश्वकोश बनाया जाए. लेकिन, इब्न अल-नफीस अपनी मृत्यु से पहले केवल 80 ही खंड प्रकाशित करने में कामयाब रहे. आपको बता दें कि काम अधूरा रहने के बावजूद भी इस किताब को एक इंसान द्वारा लिखे गए अब तक के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वकोशों में से एक माना जाता है. इस किताब में अल-नफीस ने उस समय तक इस्लामी दुनिया में चिकित्सा ज्ञान का पूरा सारांश दे दिया है. इब्न अल नफीस ने अपनी सभी किताबों और लाइब्रेरी  के साथ अपने विश्वकोश को भी मंसूरी अस्पताल के नाम कर दिया था.  
इब्न अल नफीस ने सर्जरी में तीन स्टेज बताए थे. उनके मुताबिक  पहले स्टेप में रोगी को सर्जरी के बारे में बताया जाता है, दूसरे स्टेप में सर्जरी की जाती है और इसके बाद आखिरी स्टेप में मरीज़ सर्जरी के बाद नियमित जांच के लिए डॉक्टर के पास जाता है. पूरी दुनिया में आज भी सर्जरी के यही तीन स्टेज फॉलो किए जाते हैं.

Trending news