SM Krishna Died: कर्नाटक के पूर्व सीएम एमएस कृष्ण की मौत, कुछ ऐसा रहा राजनीतिक करियर
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SM Krishna Died: कर्नाटक के पूर्व सीएम एमएस कृष्ण की मौत, कुछ ऐसा रहा राजनीतिक करियर

SM Krishna Died: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व गवर्नर एसएम कृष्ण की मौत हो गई है. उनकी मौत उम्र से जुड़ी दिक्कतों की वजह से हुई है. वह 92 साल के थे.

SM Krishna Died: कर्नाटक के पूर्व सीएम एमएस कृष्ण की मौत, कुछ ऐसा रहा राजनीतिक करियर

SM Krishna Died: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर राजनीतिज्ञ एसएम कृष्णा का मंगलवार सुबह लंबी बीमारी के बाद बेंगलुरु में निधन हो गया. वह 92 साल के थे. शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर में उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था. लेकिन, फिर उन्हें घर ले आया गया था, जहां उनकी मौत हो गई.

प्रियांक खड़गे ने पेश की खिराजे अकीदत

कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने एक्स पर लिखा, "कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री श्री एस.एम. कृष्णा के निधन से बहुत दुखी हूं, जिनके नेतृत्व और सार्वजनिक सेवा की विरासत ने हमारे राज्य और राष्ट्र पर एक अमिट छाप छोड़ी है. उनकी दूरदर्शिता और समर्पण ने कर्नाटक की प्रगति को आकार दिया और बेंगलुरु के लिए शासन के प्रति उनके कॉर्पोरेट अप्रोच ने उन्हें कई लोगों का प्रिय बना दिया."

प्रियांक आगे लिखते हैं,"हम अभी भी बेंगलुरु को एक वैश्विक शहर के रूप में स्थापित करने के उनके दृष्टिकोण का लाभ उठा रहे हैं. जब हम उन्हें याद करते हैं, तो हम न केवल हमारी राजनीति में एक महान व्यक्ति के नुकसान का शोक मनाते हैं, बल्कि लोगों की सेवा में उनके अच्छे जीवन का जश्न भी मनाते हैं. उनकी आत्मा को शांति मिले और उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहे."

ऐसा था एसएम कृष्ण का राजनीतिक करियर

एसएम कृष्णा 1999 से 2004 तक कर्नाटक के सीएम और 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के गवर्नर रहे. मई 2009 में, प्रधान मंत्री ने 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री और 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला. कृ्ष्ण ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था और 2017 में बीजेपी ज्वाइन कर ली थी.

मनमोहन सिंह के कार्यकाल में बड़ी जिम्मेदारी

मनमोहन सिंह के कार्यकाल में कृष्ण को बड़ी जिम्मेदारी मिली थी. उन्होंने 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान विदेश मंत्री के तौर पर भी काम किया था. वह पिछले साल ही सियासत से रिटायर हुए थे.

पद्म विभूषण से सम्मानित

सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2023 में राष्ट्रपति भवन द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. इस दौरान कृष्ण ने कहा था,"मेरे माता-पिता इस बात से प्रसन्न और खुश होंगे कि माननीय प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने मुझे यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान करना उचित समझा. मैं भारत सरकार और कर्नाटक की जनता का भी आभारी हूं."

एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने लॉ ग्रेजुएट के तौर पर यूएसए में पढ़ाई की थी, जहां उन्होंने टेक्सास के डलास में दक्षिणी मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय और वाशिंगटन डीसी में जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय लॉ स्कूल से डिग्री हासिल की.

वह कर्नाटक विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य थे और 1993 से 1994 तक उपमुख्यमंत्री और 1999 के विधानसभा चुनावों से पहले कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे, जिसमें पार्टी ने जीत हासिल की और मुख्यमंत्री बने. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, कृष्णा को कई लोग बेंगलुरु को वैश्विक मानचित्र पर लाने का श्रेय देते हैं, क्योंकि उनके कार्यकाल के दौरान आईटी क्षेत्र को दिए गए प्रोत्साहन के परिणामस्वरूप शहर ‘भारत की सिलिकॉन वैली’ के रूप में विकसित हुआ है.

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