NCERT INDIA BHARAT ROW: एनसीईआरटी में इंडिया को भारत करने के मामले में हंगामा होने के बाद अब यूनियन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान का बयान आया है. आइये जानते हैं उन्होंने क्या कहा?
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NCERT INDIA BHARAT ROW: एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया को भारत करने के मामले में हंगामा होने के बाद अब सरकार का बयान आया है. यूनियन एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने 'इंडिया और भारत' मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि इंडिया और भारत में कोई अंतर नहीं है, लेकिन कुछ "निराश" लोग इस पर विवाद खड़ा करने की होड़ में लगे हुए हैं.
मंत्री की यह टिप्पणी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के जरिए गठित एक कमेटी के दिए गए एक सुझाव के बाद आई है. इस प्रस्ताव में सभी एनसीईआरटी की किताबों में "इंडिया" को "भारत" से बदलने के बारे में विचार करने के लिए कहा गया था. यह बात बाहर आई तो विपक्षी दलों, खास तौर पर दक्षिणी राज्यों के लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. पार्टीज ने इसे "राजनीतिक नौटंकी" और इतिहास को विकृत करने की कोशिश बताया.
प्रधान गुजरात के नर्मदा जिले में शिक्षा नीति (एनईपी) -2020 के कार्यान्वयन पर कुलपतियों के एक प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, "कुछ वक्त से इस बात पर विवाद चल रहा है कि हमारे देश को इंडिया या भारत के रूप में जाना जाना चाहिए या नहीं. ”उन्होंने आगे कहा,"लेकिन फर्क क्या है? भारत और इंडिया में कोई अंतर नहीं है. इस देश का नाम भारत है. औपनिवेशिक काल के दौरान अंग्रेजी बोलने वाले लोगों ने देश को इंडिया नाम दिया. हमारे संविधान ने भारत और इंडिया दोनों को महत्व दिया है."
धर्मेंद्र ने आगे कहा,"भारत एक भारतीय नाम है; सभ्यता की शुरुआत से ही मूल नाम. हालांकि, इन दिनों कुछ निराश लोगों के दिमाग में इसे लेकर विवाद पैदा करने की होड़ चल रही है.'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीईआरटी के सामाजिक विज्ञान पैनल के अध्यक्ष सीआई इस्साक ने बुधवार को कहा था कि प्रस्तावित नाम का बदलना उसके अंतिम स्थिति पेपर में सात सदस्यीय पैनल द्वारा सर्वसम्मति से की गई सिफारिशों का हिस्सा था. हालांकि, एनसीईआरटी के अध्यक्ष दिनेश सकलानी ने साफ किया कि पैनल की सिफारिशों पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.