Rape Law In India: जरूरी है जानना! भारतीय कानून में क्या है दुष्कर्म की कड़ी सजा, जानें कब मिलता है मृत्युदंड
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Rape Law In India: जरूरी है जानना! भारतीय कानून में क्या है दुष्कर्म की कड़ी सजा, जानें कब मिलता है मृत्युदंड

Rape Law In India: देश में आए दिन रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं. यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता ही जा रही है. आज भी सोनीपत के कुंडली थाना क्षेत्र में नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं भारत में रेप को दोषी के लिए क्या कानून है. 

 

Rape Law In India: जरूरी है जानना! भारतीय कानून में क्या है दुष्कर्म की कड़ी सजा, जानें कब मिलता है मृत्युदंड

Rape Law In India: सोनीपत के कुंडली थाना क्षेत्र में नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म करने और उन्हें जहरीला पदार्थ पिलाकर हत्या करने के मामले में अदालत ने चार आरोपितों को दोषी करार दे दिया है. इस मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) सुरुचि अतरेजा सिंह की अदालत ने चारो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने तकरीबन दो साल का समय लेते हुए इस मामले में जांच के बाद शनिवार को चारों दोषियों को फांसी की सजा सुना दी, साथ ही चारो दोषियों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

देश में अभी तक ऐसे कई रेप केस हुए हैं, जिनके बारे में सुनकर रौंगटे खड़े हो जाएं. आज भी देश के अलग-अलग हिस्सो में रेप की कई वारदातें सामने आ रही हैं. आए दिन महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे कि भारत में रेप के दोषियों को सजा का प्रावधान है.  

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बता दें, किसी भी महिला या बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी के खिलाफ धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है. इस मामले में अगर अपराध सिद्ध हो जाए तो दोषी को कम से कम पांच साल और अधिक से अधिक 10 साल तक कैद की सजा सुनाई जाती है. हालांकि कई मामलों में अदालत दोषी की सजा की अवधि को भी कम कर देती है. 

भारतीय दंड सहिता की धारा 376 (ई) में संशोधन के तहत बार-बार बलात्कार करने वाले दोषी को उम्र कैद या सजा-ए-मौत की सजा भी हो सकती है. धारा 376(ई) के अनुसार, अगर धारा 376, 376(ए), 376(डी) के तहत आरोपियों को पहले ही देषी पाया जा चुका है और बाद में फिर से दोषी पाया जाता है तो दोषी को फांसी की सजा भी दी जा सकती है. 

रेप के अपराध को अलग-अलग श्रेणी और परिस्थिति के हिसाब से धारा 375, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ के रूप में विभाजित किया गया है. अगर कोई व्यक्ति किसी भी महिला की मर्जी के बिना, डरा-धमका कर, महिला की इच्छा के बिना जबरन उससे संबंध बनाता है तो उसे भी बलात्कार की श्रेणी में रखा जाता है. 

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धारा 376(ख) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति उसके संरक्षण में रह रही महिला या बच्ची के साथ संभोग करता है तो उसके लिए 5 साल की जेल और जुर्माने की सजा का प्रावधान है. 

376(घ) के अनुसार, अस्पताल का कर्मचारी और प्रबंधक किसी महिला के साथ संभोग करता है तो उसे भी बलात्कार की श्रेणी में रखा जाता है. इस अपराध में दोषी को 5 साल की सजा होती है. 

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