Education news: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं को डिनोटिफाइ करने का फैसला बीजेपी को रास नहीं आ रहा है. बीजेपी लगातार सरकार के इस फैसले का विरोध प्रदर्शन कर रही है.
Trending Photos
समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार द्वारा पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में खोले गए शैक्षणिक संस्थानों को डिनोटिफाई किया जा रहा है, जिसके विरोध में अब बीजेपी लगातार प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है. इसी कड़ी में आज शिमला में भाजपा ने शिमला शहरी उपायुक्त कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी और धरना प्रदर्शन किया. बीजेपी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार संस्थानों को डिनोटिफाई करके गलत परंपरा शुरु कर रही है.
एडवायजरी के सहारे चल रही हिमाचल सरकार
सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व भाजपा सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों की समीक्षा का अधिकार रखती है, लेकिन इस तरह से फंक्शनल हो चुके संस्थानों को बंद करना जनहित में नहीं है. पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश सरकार की तुलना पाकिस्तान सरकार से करते हुए कहा कि पाकिस्तान में भी आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं और वहां एडवाइजरी के बलबूते सरकार चल रही है. ठीक वैसे ही मुख्यमंत्री सुक्खू भी अब हिमाचल प्रदेश में एडवाइजरी के सहारे सरकार चला रहे हैं.
ये भी पढ़ें- Education news: हिमाचल प्रदेश में बंद किए जा रहे स्कूल, सुक्खू सरकार कर रही बड़ा प्लान
सीएम सुक्खू को लेकर दिया बड़ा बयान
सीएम कैबिनेट रैंक के साथ अपने चहेतों को मुख्यमंत्री नियुक्तियां दे रहे हैं, जिससे फिजूलीखर्ची बड़ी है. उन्होंने कहा कि सीएम का विधायकों के साथ तालमेल नहीं बैठ रहा है. वो गारंटी को लेकर कह रहे हैं कि पांच साल में सभी गारंटियां पूरी कर ली जाएंगी, लेकिन अभी तो उन्हें अपनी ही गारंटी नहीं है कि उनसे सरकार चल भी पाएगी या नहीं. पूर्व की भाजपा सरकार ने जनहित में अलग-अलग संस्थान खोले थे जिन्हें बंद करके वर्तमान सरकार लोगों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है, जिसे भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी.
ये भी पढ़ें- Hola Mohalla mela: नैनादेवी मंदिर में हुई 'होला मोहल्ला मेला' की शुरुआत, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा इस मामले को लेकर विधानसभा के सदन के अंदर और बाहर विरोध जाहिर किया जाएगा. एक तरफ सरकार आर्थिक स्थिति का रोना रो रही है और दूसरी तरफ सीपीएस बना रहीं हैं जो कि फिजूलखर्ची के साथ संवैधानिक रूप से भी गलत है.
WATCH LIVE TV