Adbhut himachal: हिमाचल प्रदेश में घूमने के लिए बहुत सी अच्छी जगह हैं, लेकिन हिमाचल में हॉन्टेड प्लेस भी हैं इनकी कहानी इतनी डरावनी है कि किसी भी रूह कांप जाए. आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी ही डरावनी कहानी के बारे में.
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Adbhut himachal ki sair: यह तो आप सभी को मालूम है कि भारत एक मात्र ऐसा देश है जो अपनी विविधताओं के लिए जाना जाता है. भारत की संस्कृति दूसरे देशों के लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेती है. भारत में ऐसी कई जगह भी हैं जहां आप प्रकृति को महसूस कर सकते हैं. इसमें सबसे पहले नाम आता है हिमाचल का जो सैलानियों की पहली पसंद होता है. हिमाचल प्रदेश में आपको झील-झरने, नदी-तालाब ऊंचे-ऊंचे पहाड़ पेड़े पौधे देखने को मिल जाते है.
हिमाचल न सिर्फ अपनी प्राकृति खूबसूरती बल्कि देवी-देवताओं के वास के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां बैजनाथ मंदिर, ज्वालामुखी मंदिर, ब्रिजेश्वरी मंदिर और चामुंडा मंदिर समेत कई प्राचीन तीर्थ धाम स्थित हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश से जुड़ी कई रहस्यी कहानियां भी बहुत प्रचलित हैं. आज 'अद्भुत हिमाचल की सैर' में हम आपको बताएंगे हिमाचल की एक ऐसी कहानी के बारे में जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे.
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रहस्यमयी गांव के नाम से है प्रसिद्ध?
बता दें, हिमाचल प्रदेश में एक ऐसी जगह है जिसके बारे में सुनकर हर किसी के होश उड़ जाते हैं, जिसे हॉन्टेड टाउन भी कहा जाता है. इस जगह का नाम है दागशाई. जी हां हिमाचल का दागशाई भारत का सबसे पुराना छावनी शहर बताया जाता है. इसे हिमाचल प्रदेश का रहस्यमयी गांव भी कहा जाता है. यह जगह सोलन से करीब 11 किमी की दूरी और समुद्र तल से 5000 मीटर से भी ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित है.
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ऐसे पड़ा दागशाई नाम
कहा जाता है कि जब भारत में मुगलों का राज था उस समय वे अपराधियों को मृत्युदंड देने के लिए यहां भेजते थे. ऐसे में इस शहर का नाम दाग-ए-शाही पड़ गया और फिर कुछ समय बाद इसका नाम बदलकर दागशाई रख दिया गया, वहीं ब्रिटिश शासन काल के बाद इसे आर्मी कैंटोनमेंट में बदल दिया गया.
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क्यों कहा जाता है हॉन्टेड हाउस
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में कई बार अजीबो-गरीब घटनाएं देखी गईं, जिसके बाद इस जगह को हॉन्टेड प्लेस/हॉन्टेड हाउस कहा जाने लगा और लोग यहां जाने से डरने लगे. कहा जाता है कि इस जेल में कैदियों को खूब प्रताडित किया गया, जिसकी वजह से उनकी दर्दनाक मौत हो गई और आज तक उनकी आत्माएं यहां भटक रही हैं. बता दें, इस जेल को उस समय हिमाचल के कालापानी के नाम से जाना जाता था.
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