Google doodle: ऐसे बनी थी कॉफी मशीन, मोरियोनडो हैं एस्प्रेसो मशीन के गॉडफादर
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Google doodle: ऐसे बनी थी कॉफी मशीन, मोरियोनडो हैं एस्प्रेसो मशीन के गॉडफादर

गल के डूडल में दिखने वाले शख्स का नाम खोजकर्ता एंजेलो मोरियोनडो है. आज उनकी 171वीं जयंती है. ऐसे में गूगल ने खोजकर्ता एंजेलो मोरियोनडो को याद करते हुए जयंती मनाई है. मोरियोनडो को एस्प्रेसो मशीनों (Espresso Machines) का गॉडफादर भी कहा जाता है.

Google doodle: ऐसे बनी थी कॉफी मशीन, मोरियोनडो हैं एस्प्रेसो मशीन के गॉडफादर

Google doodle: गूगल ने आज 6 जून को अपना डूडल बदल दिया है. बता दें, गूगल किसी खास दिन किसी खास शख्स का डूडल बनाता है. ऐसे में आज भी गूगल ने अपने डूडल में एक शख्स को जगह दी है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि डूडल में दिखने वाला यह शख्स कौन हैं और गूगल ने इनका डूडल क्यों बनाया है?

डूडल में एक्सप्रेसो मशीन के गॉडफादर
बता दें, गूगल के डूडल में दिखने वाले शख्स का नाम खोजकर्ता एंजेलो मोरियोनडो है. आज उनकी 171वीं जयंती है. ऐसे में गूगल ने खोजकर्ता एंजेलो मोरियोनडो को याद करते हुए जयंती मनाई है. मोरियोनडो को एस्प्रेसो मशीनों (Espresso Machines) का गॉडफादर भी कहा जाता है. साल 1884 में उन्हें ज्ञात एस्प्रेसो मशीन पेटेंट करने का श्रेय दिया था. हालांकि डूडल में एक्सप्रेसो मशीन की GIF भी बनाई गई है, जिसे ओलिविया व्हेन (Olivia When) ने बनाया था. इसे रंग नहीं बल्कि कॉफी से पेंट किया गया था. 

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कौन हैं Angelo Moriondo? 
एंजेलो मोरियोनडो का जन्म 6 जून, 1851 को हुआ. इनका जन्म इटली के ट्यूरिन में उद्यमियों के परिवार में हुआ था. बताया जाता है कि मोरियोनडो के दादा ने शराब बनाने वाली कंपनी की स्थापना की थी. इस कंपनी को मोरियोनडो के पिता ने संभाला था. इसके बाद एंजेलो ने अपने सगे भाई और चचेरे भाई के साथ मिलकर 'मोरियोन्डो और गैरीग्लियो' और चॉकलेट कंपनी का निमार्ण किया. 

तैयार की थी कॉफी मशीन
मोरियोनडो ने सिटी-सेंटर पियाजा कार्लो फेलिस में 2 दुकाने खोलीं. उस समय इटली में कॉफी काफी फेमस हुई, लेकिन इस दौरान कस्टमर्स को थोड़ी परेशानी भी हुई. ये असुविधा थी कॉफी बनने में लगने वाले टाइम की. इस दौरान कॉफी बनने में काफी समय लग रहा था. इसी को देखते हुए एक कॉफी मशीन तैयार की गई. 

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कॉफी मशीन ऐसे करती थी काम
गूगल की मानें तो मोरियोनडो ने सोचा कि कोई ऐसी मशीन तैयार की जाए, जिससे एक बार में कई कप कॉफी भर सके. इसके बाद मोरियोनडो ने साल 1884 में ट्यूरिन के जनरल एक्सपो में एस्प्रेसो मशीन को दिखाया. इस प्रेजेंटेशन से पहले उन्होंने मशीन को एक मैकेनिक की देखरेख में रखा. इतना ही नहीं इस मशीन को जनरल एक्सपो में कांस्य पदक भी मिला. इस मशीन में एक बॉयलर लगाया गया. जो कॉफी बनाने में मदद करता है. ये बॉलर गर्म पानी और कॉफी पाउडर को मिक्स करके सर्व कर देता था. 

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