Google Doodle 19 July: उधार की किताबें पढ़कर बनीं कवयित्री, गूगल ने किया सम्मानित
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Google Doodle 19 July: उधार की किताबें पढ़कर बनीं कवयित्री, गूगल ने किया सम्मानित

Google Doodle 19 July: गूगल ने आज 19 जुलाई को एक महिला का डूडल बनाया है, जिसमें वह एक कागज पर कुछ लिखती हुई नजर आ रही हैं, जिनका नाम बालामणी अम्मा है. इस खबर में जानें कि यह महिला कौन हैं और गूगल में आज इनका डूडल क्यों बनाया है?

Google Doodle 19 July: उधार की किताबें पढ़कर बनीं कवयित्री, गूगल ने किया सम्मानित

Google Doodle 19 July 2022: गूगल ने Google) आज 19 जुलाई फिर से अपना डूडल (Doodle) बदला है. आज जब आपने अपना गूगल खोला होगा तो आपको डूडल में घर के बरामदे में एक महिला दिखाई दी होगी. उन्हें देखकर आपके मन में यह सवाल भी यह जरूर आया होगा कि यह आखिर यह महिला कौन हैं और गूगल ने आज अपने डूडल (Google Doodle) में इन्हें जगह क्यों दी है? तो चलिए इस खबर में हम आपको सारी जानकारी के बारे में. 

कौन हैं डूडल वाली महिला?
बता दें, Google ने आज जिस महिला का डूडल बनाया है उनका नाम बालामणी अम्मा (Balamani Amma) है. बालामणी अम्मा मलयालम भाषा में लिखने वाली एक मशहूर कवि (Balamani Amma poet) हैं, जिनकी आज 19 जुलाई को 113वीं जयंती है. ऐसे में सर्च इंजन गूगल ने आज डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. बालामणी अम्मा को साहित्य की दादी भी कहा जाता है. 

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कभी नहीं ली औपचारिक शिक्षा
बालामणी अम्मा का जन्म 19 जुलाई, 1909 को ब्रिटिश भारत के मालाबार जिले में हुआ था. उन्होंने कभी कोई स्कूली शिक्षा नहीं ली. घर पर ही उन्हें उनके मामा ने पढ़ाया था. दरअसल, बालामणी अम्मा के मामा एक कवि थे, जिनके पास किताबों का अच्छा-खासा कलेक्शन था. उनके मामा की इन बुक्स ने ही बालामणी अम्मा को कवि बनने में मदद की थी. बालामणी अम्मा इतनी सफल कवि बनीं कि वह दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध हुईं और उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया. 

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इन पुरस्कारों से किया गया सम्मानित
बालमणि अम्मा ने कई जानी-मानी भवनायिल, वेलिचथिल, प्रभांकुरम, कुदुम्बिनी जैसी कई कविताएं लिखीं. इनके लिए उन्हें एज़ुथाचन पुरस्कार, सरस्वती सम्मान और साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. इतना ही नहीं उन्हें पद्म भूषण अवॉर्ड से भी नवाजा गया. 

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