Manali Leh Ladakh Road: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लद्दाख में रणनीतिक निम्मू-पदम-दर्चा सड़क को जोड़ा है. यह सड़क अब मनाली-लेह और श्रीनगर-लेह के अलावा तीसरी धुरी है, जो लद्दाख को भीतरी इलाकों से जोड़ती है. जानिए इसकी डिटेल..
बीआरओ की टीम ने शून्य से नीचे तापमान में नीराक घाटी के अंतिम खंड को जोड़ने वाली निम्मू-पदम-दारचा रोड को जोड़ने में कामयाबी हासिल की है. 298 किमी की यह सड़क कारगिल-लेह हाईवे पर दर्चा और निम्मू के माध्यम से मनाली से लेह को जोड़ेगी.
यह सड़क अब मनाली-लेह और श्रीनगर-लेह के अलावा तीसरी अक्ष है, जो लद्दाख को भीतरीभूमि से जोड़ता है. ये कनेक्टिविटी रक्षा तैयारियों को मजबूत करेगी और ज़ंस्कर घाटी में आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी. जब देश रंगों का त्योहार होली मना रहा था, बीआरओ के निडर कर्मी शून्य से नीचे तापमान में नीराक घाटी के अंतिम खंड को जोड़ने वाली खड़ी चट्टान को काट रहे थे.
25 मार्च 2024 को दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों और कठिन मौसम स्थितियों में से एक में बीआरओ कर्मियों द्वारा कई सालों की कड़ी मेहनत, परिश्रम, समर्पण से दिन लोग आज देख रहे हैं. जानकारी के अनुसार, दोनों तरफ की टीमों के साथ, 25 मार्च 2024 को 23.50 बजे सफलता मिली.
निम्मू-पदम-दारचा सड़क की लंबाई 298 किलोमीटर है और यह कारगिल-लेह राजमार्ग पर दारचा (एनएच-03) और निम्मू के माध्यम से मनाली को लेह से जोड़ती है. यह सड़क सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ ज़ांस्कर घाटी में आर्थिक विकास को भी जबरदस्त बढ़ावा देगी.
कनेक्टिविटी की सफल स्थापना के बारे में बोलते हुए, लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन, वीएसएम, डीजी बॉर्डर रोड्स ने कहा, “जनवरी में जब ज़ांस्कर नदी जम गई थी, तो हमने इसे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया और अतिरिक्त हमले बिंदु स्थापित करने के लिए जमी हुई नदी के किनारे उपकरण और कर्मियों को स्थानांतरित किया. आज हमने इस महत्वपूर्ण धुरी पर कनेक्टिविटी स्थापित की है.
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक मोड़ पर उन बीआरओ कर्मियों के सर्वोच्च बलिदान को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है, जिन्होंने इस सड़क का निर्माण करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया. यह प्रशंसा बीआरओ कर्मियों के समर्पण से ही हो सका है.
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