राहुल द्रविड़ की बल्लेबाजी तकनीक और लचीलेपन के कारण उन्हें 'The Wall' के नाम से जाना जाता है. उन्होंने 12 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था और बाद में कर्नाटक की ओर से अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 के लेवल पर कई खेले.
राहुल ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत 1996 में श्रीलंका के खिलाफ हुए मैच से की थी, लेकिन उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था. राहुल पहले मैच में 3 रन तो दूसरे मैच में 4 रन ही बना पाए थे. क
राहुल द्रविड़ ने वर्ल्ड कप में डेब्यू 1999 में किया था. जिसमें शुरुआत के दो मैच में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था और टीम इंडिया दोनों मैच हार गई थी. जिसके बाद अगले मैच में राहुल ने सचिन तेंदुलकर के साथ 237 रन के साझेदारी खेलते हुए वर्ल्ड कप का रिकॉर्ड बनाया और अपना पहला शतक भी दर्ज किया था.
राहुल ने अपने करियर में 24,000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रनों के साथ भारत के लिए 500 से भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं. जिसमें 164 टेस्ट मैच, 344 वनडे और एक टी20 मैच शामिल हैं.क्रिकेटर ने 48 अंतर्राष्ट्रीय शतकों के साथ भारतीय क्रिकेट के लिए अपना शानदार योगदान दिया है.
2012 में राहुल ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, जिसके बाद क्रिकेटर ने 'अंडर-19' और 'भारत ए' जैसी जूनियर भारतीय टीमों का मार्गदर्शन किया. फिर 2021 में द्रविड़ को भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया था. क्रिकेटर को क्रिकेट करियर में शानदार प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवार्ड, पद्म श्री अवार्ड, पद्म भूषण और कई अन्य अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है.
भारतीय टीम की कोचिंग के साथ-साथ राहुल राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी(National Cricket Academy) के प्रमुख के रूप में भी काम किया, जहां उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के भविष्य को सुधारने में अहम भूमिका निभाई है. आज, यानि 11 जनवरी 2024 को भारतीय टीम द्रविड़ के मार्गदर्शन के अंतर्गत अफ़ग़ानिस्तान के साथ मोहाली में टी-20 सीरीज 2024 का पहला मैच खेलने वाले हैं.
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