Kullu News: कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में जंगली लहसुन की खेती से महिलाएं आर्थिकी मजबूत कर रही हैं. मेले में लहसुन के औषधीय गुणों की भी जानकारी दी जा रही.
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Kullu News: कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के मैदान में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव संपन्न होने के बाद भी दुकानें सजी हुई है और लोग यहां पर कई तरह की वस्तुओं की भी खरीदारी कर रहे हैं. ऐसे में खाने-पीने की चीजों की भी लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं, लेकिन यहां एक स्टॉल ऐसा भी है जहां पर ड्राई फ्रूट से महंगा लहसुन बिक रहा है. यह लहसुन है जंगली लहसुन.
जिसकी खेती कर अब स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं भी अपनी आर्थिक की को मजबूत कर रही है. जंगली लहसुन वैसे तो पहाड़ों में पाया जाता है और अब इसकी खेती भी कुछ इलाकों में की जा रही है. ढालपुर में जंगली लहसुन बेचने के लिए स्टॉल भी लगाया गया है और जंगली लहसुन की औषधीय गुण के बारे में भी महिलाएं लोगों को जागरूक कर रही है, तो वहीं लोग भी इसके औषधीय गुण को देखकर हाथों-हाथ खरीद रहे हैं.
भुंतर के बगीचा गांव की रहने वाली निर्मला ने बताया कि इसकी कीमत बाजार में 1500 रुपए प्रति किलो है और इस पहाड़ी लहसुन के कई फायदे भी हैं. निर्मला देवी ने बताया कि उनके स्वयं सहायता समूह का नाम नवज्योति स्वयं सहायता समूह है और उनके द्वारा यहां पहाड़ी लहसुन बेचा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस लहसुन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल, जोड़ो में दर्द और खून को पतला किया जाता और हृदय रोग के लोगों के लिए यह जंगली लहसुन एक चमत्कारी दवा है. लोगों के द्वारा भी लहसुन को इस वैरायटी को अब पसंद किया जा रहा है.
निर्मला देवी ने बताया कि पहाड़ी लहसुन ज्यादातर ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में पाया जाता था और जंगलों में खुद से ही उगता था, लेकिन अब कुल्लू में भी इसकी फसल शुरू होने लगी है. उन्होंने बताया कि 5 साल पहले उनके पति इस पहाड़ी लहसुन का बीज लेकर आए थे, जिसके बाद निर्मला देवी ने इसे कुल्लू में बीजा और 3 साल बाद इसकी फसल तैयार हुई. उन्होंने बताया कि लहसुन की यह वैरायटी को आम लहसुन की तरह ही बीजा जाता है और इससे फसल तैयार होने में 3 साल का वक्त लगता है. इस लहसुन से उगने वाले फसल देखने में आम लहसुन से छोटी और गहरे पीले रंग की होती है. हालांकि स्वाद और खुशबू में दोनों लहसुन एक जैसे ही प्रतीत होते है.