Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अवैध रूप से मस्जिद के निर्माण पर सवाल उठ रहे हैं, जिसे लेकर कल हिंदू संगठन पूरे प्रदेश से एकत्रित होकर एक बड़ी प्रदर्शन रैली करेगा.
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समीक्षा कुमारी/शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर बीते रविवार से बवाल खड़ा हो गया है. हिंदूवादी संगठनों व कुछ नगर निगम के पार्षदों ने स्थानीय लोगों के साथ रविवार को मस्जिद के बाहर विशाल प्रदर्शन करते हुए मस्जिद के अवैध होने का दावा करते हुए उसे ध्वस्त करने की मांग की.
बता दें, यह विवाद शिमला के मल्याणा में विशेष समुदाय के लोगों द्वारा एक युवक के साथ मारपीट के बाद शुरू हुआ है. प्रदर्शनकारियों के अनुसार, समुदाय विशेष के लोग बाहर से आकर शिमला की शांति भंग कर रहे हैं. मस्जिद के मौलवी शहजाद ने बताया कि यह मस्जिद सन् 1950 से बनी है. वह पिछले 21 वर्षों से यहां पर कार्यरत हैं.
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उन्होंने बताया कि 3:30 मंजिल इमारत के ड्राफ्ट की अनुमति इनके पास है, लेकिन उसके बाद डेढ़ मंजिला का निर्माण अवैध है, जिसे प्रशासन कभी भी खंडित कर सकता है. वहीं पूर्व प्रेजिडेंट लतीफ नेगी ने बताया कि सरकार को हमने बार-बार लिखित में कहा है कि यहां पर आ रही जमात को बंद किया जाए. पूरे शिमला में जमात को बंद किया जाए, लेकिन इस मामले पर प्रशासन की ओर से भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.
लोगों को शुक्रवार को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि शुक्रवार नमाज का दिन है, लेकिन सभी लोग यहां भाईचारे के साथ मेल मिलाप के साथ रहते हैं. मौलवी ने कहा कि कुछ शरारती तत्व हैं जिन्होंने युवक की पिटाई की हैं उसे सजा मिलनी चाहिए. वहीं, हिंदू संगठन के लोगों ने बताया कि कल पूरे प्रदेश भर से लोग एकत्रित होकर एक बड़ा प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां से एक संदेश पूरे प्रदेश के लिए दिया जाएगा और इस प्रदर्शन के जरिए हिंदुओं को जागरूक किया जाएगा.
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हिंदू संगठन के लोगों ने बताया कि शिमला में अलग-अलग स्थान पर अवैध रूप से मस्जिदों का निर्माण किया जा रहा है. यही केवल एक मस्जिद नहीं है कई अन्य मस्जिद भी हैं जहां अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है जो सरासर गलत है. गलत तरीके से यहां गतिविधियों की जा रही हैं, जिसका वे विरोध करते हैं.
वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि आमतौर पर ऐसी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन शुक्रवार के दिन जिस दिन नमाज की जाती है उस दिन लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. 500 से 800 लोग यहां एक साथ एकत्रित हो जाते हैं, ऊपर से नीचे आने के लिए लोगों और महिलाओं को एक घंटा तक भी रुकना पड़ता है.
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