Cobra: पांवटा साहिब में फिर नजर आया अति दुर्लभ सबसे जहरीला प्राणी किंग कोबरा
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Cobra: पांवटा साहिब में फिर नजर आया अति दुर्लभ सबसे जहरीला प्राणी किंग कोबरा

Paonta Sahib: पांवटा साहिब और नाहन क्षेत्र में तीसरी किंग कोबरा का दिखाना वन्य प्राणी विभाग के लिए यह उत्साहित करने वाली खबर है. 

Cobra: पांवटा साहिब में फिर नजर आया अति दुर्लभ सबसे जहरीला प्राणी किंग कोबरा

Paonta Sahib News: दुनिया का सबसे जहरीला विशालकाय "किंग कोबरा" पांवटा साहिब क्षेत्र में एक बार फिर नजर आया है. यह हिमाचल प्रदेश के इतिहास में तीसरी बार किंग कोबरा को साक्षातकार हुआ है. इस बार किंग कोबरा को पांवटा साहिब क्षेत्र के तहत जंगलोट गांव के समीप देखा गया है. 

इस किंग कोबरा की लंबाई लगभग साढ़े 10 से 11 फुट के करीब बताई जा रही है. किंग कोबरा अति दुर्लभ प्राणियों की श्रेणी में आता है और हिमाचल प्रदेश में सिर्फ पांवटा साहब और नाहन क्षेत्र में देखा गया है. किंग कोबरा की वन और वन्य प्राणी विभाग ने जंगलोट गांव के समीप किंग कोबरा होने की पुष्टि की है. 

पांवटा साहिब और नाहन क्षेत्र में तीसरी किंग कोबरा का दिखाना वन्य प्राणी विभाग के लिए यह उत्साहित करने वाली खबर है. यहां जंगलोट गांव के पंकज ठाकुर और उसके कुछ साथियों ने लिंक रोड पर इस अद्भुत सांप को देखा.  सड़क के आर पार लेटे हुए सांप का वीडियो बनाया और फोटो खींची.  हालांकि सांप को देखकर पंकज ठाकुर और उनके दोस्त उत्साहित थे, मगर उन्हें भी इस बात का पता नहीं था कि जिस सांप के वह वीडियो बना रहे हैं वह बेहद अद्भुत और अति दुर्लभ प्रजाति का सबसे अधिक जहरीला विशालकाय सांप किंग कोबरा है. 

पंकज ठाकुर ने ही वीडियो और जानकारी वन्य प्राणी विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को दी. इस पर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वेटरिनरी विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे. वन्य प्राणी विभाग, वन विभाग और वेटरिनरी विभाग के अधिकारियों ने किंग कोबरा को खोजने का प्रयास किया. मगर दोबारा किंग कोबरा नजर नहीं आया. 

बताते चलें कि किंग कोबरा को सबसे पहले मई 2021 शिवालिक हिल्स की पहाड़ियों में फांदी गांव के समीप देखा गया था. पहली बार किंग कोबरा को देखा जाना बेहद अचंभित करने वाला था क्योंकि इससे पहले हिमाचल में कभी किंग कोबरा को नहीं देखा गया था. विशालकाय किंग कोबरा को प्रवीण ठाकुर नाम के व्यक्ति ने देखा था. प्रवीण ठाकुर ने इसका वीडियो भी बनाया था. 

अनुमान है कि पहली बार देखे गए किंग कोबरा की लंबाई लगभग 11 से 12 फुट के करीब है.  दूसरी बार किंग कोबरा को पांवटा साहिब वन क्षेत्र के तहत मालगी सारा के जंगलों में देखा गया था. यहां वनकर्मी विजय कुमार ने अपने मोबाइल के कमरे में बेहद शर्मीले और बेहद दुर्लभ किंग कोबरा की तस्वीरें कैद की थी.  वन कर्मी द्वारा दूसरी बार देखे गए किंग कोबरा की लंबाई 6 से 8 फुट के आसपास बताई जा रही है. 

बताते चलें कि इससे पहले उत्तर भारत हिमालय क्षेत्र में सिर्फ उत्तराखंड को ही किंग कोबरा के हैबिटेट के तौर पर जाना जाता था. मगर अब हिमाचल के पांवटा साहिब में तीन बार किंग कोबरा नजर आने के बाद अब इस क्षेत्र को भी किंग कोबरा के हैबिटेट ( प्रकृतिक नीवस) के तौर पर पहचान मिल पाएगी. 

गौरतलब यह भी है कि कर्नाटका के अगुम्बे में देश का एक मात्र किंग कोबरा रिसर्च सेंटर है.  आज उदुम्बी किंग कोबरा रिसर्च टूरिज्म सेंटर के रूप में उभरा है. पांवटा साहब और नाहन क्षेत्र की शिवालिक पहाड़ियों पर किंग कोबरा के हैबिटेट का पता चलने के बाद इस क्षेत्र को भी रिसर्च टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. 

पांवटा साहिब और नाहन वन क्षेत्र के तहत किंग कोबरा को वाइल्डलाइफ वीक के दौरान साइट किया गया है. ऐसे में वन एवं वन्य प्राणी विभाग बेहद उत्साहित है. आईएफएस गुरहर्ष, वेटनरी ऑफिसर डॉ कार्तिक और वन्य प्राणी विभाग के रेंज ऑफिसर सुरेंद्र शर्मा और उनकी टीम ने किंग कोबरा के हैबिटेट के संबंध में गांव के लोगों को जागरूक भी किया. साथ ही घोषणा की गई है कि वन्य प्राणी सप्ताह तहत 10 अक्टूबर को एक कार्यक्रम के दौरान किंग कोबरा का वीडियो बनाने वाले पंकज ठाकुर को पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा. 

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