टाइगर के मुंह से अपनी जिंदगी खींच लाया 17 साल का अंकित, चार सर्जरी के बाद मिला नया जीवन
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टाइगर के मुंह से अपनी जिंदगी खींच लाया 17 साल का अंकित, चार सर्जरी के बाद मिला नया जीवन

Gud News: उत्तराखंड में एक टाइगर ने स्कूल से घर जा रहे 17 साल के अंकित पर हमला कर दिया. इस दौरान अंकित बुरी तरह घायल हो गया, लेकिन अंकित ने भी हार नहीं मानी और वह कड़े संघर्ष के बाद मौत के मुंह से बाहर आ गया.          

 

टाइगर के मुंह से अपनी जिंदगी खींच लाया 17 साल का अंकित, चार सर्जरी के बाद मिला नया जीवन

Gud News: कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके न कोई. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है जहां उत्तराखंड के रामपुर से जहां 17 साल के अंकित पर टाइगर ने हमला कर दिया. अंकित ने भी बहादुरी से जवाब देते हुए टाइगर का मुकाबला किया और अपने जीवन को उसका निवाला नहीं बनने दिया. अंकित के हौंसले के आगे टाइगर कमजोर पड़ गया और वापस जंगल में भाग गया. घायल अंकित को लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी गंभीर हालत देखते हुए उसे ऋषिकेश एम्स में रेफर कर दिया गया. यहां से अस्थाई इलाज देने के बाद उसे दिल्ली एम्स भेजा गया है, लेकिन परिचित उसे गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में ले आए जहां उसका चार महीने तक इलाज चला और आज अंकित पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है.

अंकित ने बताया कि वह उत्तराखंड के रामपुर का रहने वाला है. वह 10वीं कक्षा का छात्र है. उसने बताया कि 2 नवंबर 2023 को वह अपने स्कूल से पैदल घर जा रहा था तभी रास्ते में पहले से घात लगाए टाइगर ने उस पर हमला कर दिया और उसे गर्दन से पकड़ लिया. इस बीच जैसे ही टाइगर ने अंकित के सिर को अपने मुंह में दबाया वैसे ही अंकित ने मौका पाकर टाइगर की जीभ पकड़ ली. करीब 15 मिनट तक चले संघर्ष के बाद टाइगर कमजोर पड़ गया और वह अंकित को लहूलुहान हालत में छोड़कर जंगल में भाग गया. अंकित ने बताया कि उसके साथ जा रहे व्यक्ति ने उसे बचाने का प्रयास भी नहीं किया, लेकिन अंकित ने मौत के मुंह में जाकर भी कई लोगों की जान बचा ली.

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घटना के बाद लोगों ने इसकी सूचना अंकित के परिजनों को दी जो उसे लेकर हल्द्वानी के एक अस्पताल में गए, जहां उसकी गंभीर हालत देखते हुए उसे एम्स रेफर कर दिया. यहां से उसे ऋषिकेश एम्स ले जाया गया. आरोप है कि यहां डॉक्टरों ने बेहद लापरवाही से उसके सिर पर टांके लगा दिए, लेकिन टाइगर से संघर्ष के दौरान जो पेड़ के पत्ते, डंडियां उसके सिर में गई थी उसे निकाला ही नहीं गया. ऐसे में उसके शरीर में इंफेक्शन होने लगा. इसकी वीडियो जब अंकित के एक परिचित को गुड़गांव में मिली तो उसने अंकित के परिवार को गुड़गांव बुला लिया और निजी अस्पताल में उसका इलाज कराया.

डॉक्टरों की मानें तो जब अंकित को अस्पताल में लाया गया तो उसकी हालत बेहद खराब थी. उसके सिर में पस पड़ने लगा था. इंफेक्शन लेवल भी हाई हो गया था. चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने अंकित की चार सर्जरी कीं और चार महीने तक किए गए इलाज के बाद आज अंकित सभी के बीच स्वस्थ मौजूद है और सामान्य रूप से अपना जीवन जी रहा है. उन्होंने बताया कि संघर्ष के दौरान अंकित का अंगूठा भी कट गया, जिसका कुछ समय बाद ऑपरेशन किया जाएगा. हालांकि सिर पर लगी चोटें अब पूरी तरह से ठीक हो गई हैं. उसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों से मांस लेकर उसके सिर की स्किन बनाई गई है.

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फिलहाल अंकित स्वस्थ्य होकर सामान्य जीवन जी रहा है. जिंदगी और मौत की लड़ाई में अंकित ने जिंदगी की जंग जीत ली और सभी के लिए मिसाल बनकर आगे आया है. अंकित के हौंसले ने साफ कर दिया है कि जीतता वही है जिसने संघर्ष किया है. 

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