Marriage: एक सुनवाई के दौरीन सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी दी, जिसके मुताबिक ऐसा प्रतीत हुआ है SC ये कहना चाहती कि तलाक के मामले प्रेम विवाह की वजह से ज्यादा सामने आ रहे हैं.
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Supreme Court: हमारे देश में शादी को लेकर काफी ज्यादा विश्वास और इज्जत है. वहीं अक्सर किसी कारण से कई लोगों की शादियां भी टूट जाती है. इसमें अभी आर्थिक समस्या तो कभी घरेलू कलह बड़ी वजह होती है.
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हालांकि, सवाल यह भी है कि तलाक के अधिक मामले लव मैरिज में होते हैं या पारंपरिक शादियों में. इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के मुताबिक ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तलाक के मामले प्रेम विवाह की वजह से ज्यादा सामने आ रहे हैं.
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जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संजय करोल की पीठ वैवाहिक विवाद के एक ट्रांसफर पिटीशन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें वादी पक्ष ने कहा कि मामला प्रेम विवाह से जुड़ा हुआ है. इसपर जस्टिस गवई ने कहा कि ज्यादातर तलाक के मामले प्रेम विवाह की वजह से हो रहे हैं. ऐसे में इन मामलों पर मध्यस्थता की जरूरत है. हालांकि पति पक्ष की तरफ से इसका विरोध हुआ.
जानकारी के लिए बता दें, 2 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 142 (1) के तहत तुरंत तलाक देकर शादी खत्म कर सकते हैं. वहीं कोर्ट ने ये भी साफ कहा था कि ऐसा तभी हो सकता है जब शादी का कोई और तरीका ना बचे.