एक सितंबर को सोनम वांगचुक की लेह से आरम्भ हुई "लदाख बचाओ हिमालय बचाओ" यात्रा पहुंची बिलासपुर
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एक सितंबर को सोनम वांगचुक की लेह से आरम्भ हुई "लदाख बचाओ हिमालय बचाओ" यात्रा पहुंची बिलासपुर

Bilaspur News: एक सितंबर को सोनम वांगचुक की लेह से  "लदाख बचाओ हिमालय बचाओ" यात्रा आरम्भ हुई, जो सोमवार को बिलासपुर पहुंची. पर्यावरण विद के नेतृत्व में चल रही यात्रा के औहर पहुंचने पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने यात्रा में शामिल लेह लद्दाख के लोगों का फूलों से स्वागत किया. 

एक सितंबर को सोनम वांगचुक की लेह से आरम्भ हुई "लदाख बचाओ हिमालय बचाओ" यात्रा पहुंची बिलासपुर

Bilaspur News: हिमालय और यहां पर बसने वाले लोगों के हितों की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए लेह लद्दाख से पदयात्रा पर निकले सोनम वांगचुक सोमवार को बिलासपुर पहुंचे, जहां उनका जगह-जगह पर भव्य स्वागत किया गया. 

वहीं एक सितंबर से शुरू हुई सोनम वांगचुक की यात्रा बिलासपुर के ग्राम पंचायत औहर पहुंचने पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा फूल मालाओं के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया. गौरतलब है कि हिमालय की रक्षा तथा लद्दाख क्षेत्र में लोकतांत्रिक मर्यादाओं की बहाली को लेकर सोनम वांगचुक लेह-लद्दाख से लेकर दिल्ली तक पदयात्रा कर रहे हैं, तो साथ ही सैकड़ों की संख्या में लोग भी उनके साथ जुड़ते जा रहे हैं. 

औहर पंचायत में पहुंचने पर अर्धनारीश्वर समाजसेवा समिति द्वारा सोनम वांगचुक को तिरंगा झंडा देकर सम्मानित किया गया. इसके साथ हिमाचली टोपी व शॉल पहनाकर पारंपरिक रस्म भी अदा की गई. वहीं सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों ने उनकी इस यात्रा के सफल आयोजन की शुभकामनाएं भी दी. 

वहीं, इस दौरान सामजसेवी संस्थाओं द्वारा यात्रा में शामिल सभी लोगों के लिए कहलूरी धाम का आयोजन किया गया, जबकि यात्रा की रवानगी के समय रास्ते के लिए फल भी दिए गए. वहीं पर्यावरण विद सोनम वांगचुक ने बिलासपुर पहुंचने पर उनके भव्य स्वागत के लिए सभी लोगों का आभार जताते हुए कहा कि उनकी इस यात्रा का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के लिए अहम कदम उठाया जाना है. 

वहीं सोनम वांगचुक ने कहा कि इस यात्रा के जरिये वह केंद्र सरकार को इस बात की याद दिलाना चाहते है कि लद्दाख की प्राकृतिक संरक्षण को लेकर जो वचन उन्होंने दिया था. वह पांच साल बीत जाने के बावजूद भी आज तक लागू नहीं हो पाया है. इसके अलावा संविधान के तहत हिमालय नीति व विकास पर भी सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए, जिसमें स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए. 

उन्होंने कहा कि लेह लद्दाख में कोई लोकतांत्रिक मंच नहीं है, जिसके तहत लोगों की राय ली जा सके, इसीलिए नए प्रावधानों के जरिये हिमालय के विकास के लिए लोगों की सहभागिता व सशक्तिकरण को लेकर व पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए ही उन्होंने यात्रा शुरू की है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि दो अक्टूबर तक इस यात्रा के जरिये सकारात्मक संदेश सामने आएंगे और सरकार हिमालय संरक्षण पर विशेष ध्यान देगी.

रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर

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