भोरंज के रहने वाले शम्मी एक समय पर नौकरी से थे परेशान, आज बने उद्यमी
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भोरंज के रहने वाले शम्मी एक समय पर नौकरी से थे परेशान, आज बने उद्यमी

सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरियों के पीछे भागने के बजाय कहीं अच्छा हैं स्वरोजगार की राह पर चलकर अपना उद्यम स्थापित करना.

भोरंज के रहने वाले शम्मी एक समय पर नौकरी से थे परेशान, आज बने उद्यमी

अरविंदर सिंह/हमीरपुर: सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरियों के पीछे भागने के बजाय कहीं अच्छा हैं स्वरोजगार की राह पर चलकर अपना उद्यम स्थापित करना. इसमें युवा स्वयं के साथ-साथ अन्य लोगों को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार दे सकते हैं और अपने परिवार की आने वाली पीढ़ी के लिए भी रोजगार सुरक्षित रख सकते हैं. 

अपना उद्यम लगाने के इच्छुक युवाओं को पूंजी की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. प्रदेश सरकार ने ऐसे युवाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के माध्यम से सस्ती दरों पर ऋण और लाखों रुपये की सब्सिडी का प्रावधान किया है. इस योजना का लाभ उठाकर कई युवा अपने उद्यम स्थापित करके सिर्फ स्वयं के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं.

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इन्हीं युवाओं में से एक हैं जिला हमीरपुर के भोरंज उपमंडल के शम्मी. एक समय पर जहां-तहां नौकरी करने वाले शम्मी आज मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की मदद से एक सफल उद्यमी बन गए हैं. मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी-टैक डिग्रीधारक शम्मी पहले एक ऑटोमोबाइल एजेंसी में नौकरी कर रहे थे. अपने कार्यस्थल और फील्ड में दिन भर कार्य करने के बाद भी उन्हें पर्याप्त वेतन व अन्य सुविधाएं नहीं मिलती थीं. घर-परिवार के लिए भी वह पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे थे. नौकरी के दौरान ही उन्होंने कई बार अपना उद्यम स्थापित करने के बारे में सोचा, लेकिन पैसे के अभाव में उनका यह सपना साकार नहीं हो पा रहा था. 

शम्मी को उद्योग विभाग के अधिकारियों से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत मिलने वाले सस्ते ऋण और सब्सिडी की जानकारी मिली. इस योजना के माध्यम से उन्हें अपने सपने साकार करने का मार्ग दिखाई दिया. उन्होंने तुरंत अपने प्रस्तावित उद्यम की प्रोजेक्ट तैयार की और मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया. 

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उद्योग विभाग की ओर से प्रोजेक्ट की मंजूरी मिलते ही शम्मी ने भोरंज में कंपोनेंट ऑटोमोबाइल के नाम से कार सर्विस सेंटर स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया. मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत उन्हें लगभग 39 लाख रुपये का ऋण मिला और उन्हें लगभग 6 लाख रुपये की सब्सिडी भी मिली, जिससे उनका उद्यम पूरी तरह स्थापित हो गया. 

अब शम्मी का कारोबार बहुत अच्छा चल रहा है. वह 12 अन्य युवाओं को भी प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान कर रहे हैं. इस तरह मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की मदद से शम्मी अब एक सफल उद्यमी बन गए हैं. उनकी यह उपलब्धि अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई है. 

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