Rakhi 2022: सिरमौर जिले की स्वयं सहायता समूहों ने ऐसी राखियां बनाई हैं जो खराब होने के बाद भी बेकार नहीं होंगी. उस राखी का इस्तेमाल आप आगे भी कर सकते हैं. महिलाओं ने कई तरह के बीजों का इस्तेमाल करके राखियां बनाई है.
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Rakhi 2022: सबसे पवित्र त्योहारों में से एक रक्षा बंधन का पर्व नजदीक है. ऐसे में हर तरफ महिलाएं और लड़कियां अपने भाई के लिए राखी खरीदने के लिए बाहर निकल रही हैं. शहरों में मार्केट भी गुलजार है. राखी बेचने वाले दुकानदार भी काफी ज्यादा खुश हैं. इस बीच रक्षा बंधन के पर्व को यादगार बनाने के लिए हिमाचल के सिरमौर की महिलाओं ने इस बार स्पेशल तैयारी की है.
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बता दें, सिरमौर जिले की स्वयं सहायता समूहों ने ऐसी राखियां बनाई हैं जो खराब होने के बाद भी बेकार नहीं होंगी. उस राखी का इस्तेमाल आप आगे भी कर सकते हैं. महिलाओं ने कई तरह के बीजों का इस्तेमाल करके राखियां बनाई है. ऐसे में राखी पहनने के बाद कलाई से जहां-जहां ये बीच बिखरेंगे, वहां पवित्र बंधन के फूल उग जाएंगे. यानी की बीज गिरने से भी लाभ ही होगा.
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वहीं, अगर कलाई पर पहनी राखी के बीच सही रह जाते हैं, तो आप इन्हें बाद में गमले या बगीचे में भी डाल सकते हैं. राखियों में फूलों के अलावा सब्जियों के बीज भी लगाई गई है. जैसे- गेंदा, सरसों, चौलाई, सोयाबीन, लोबिया, मेथी, धनिया, कद्दू और चना समेत कई बीजों का इस्तेमाल किया गया है. महिलाओं ने कड़ी मेहनत से इन राखियों को लोकल फॉर वोकल थीम पर तैयार किया है. जो पूरी तरह से ईको फ्रैंडली है.
सभी महिलाओं ने पर्यावरण को ध्यान में रखकर खुद से बनाया है. बता दें, ये राखियां कालाअंब, मोगीनंद, जंगलाभूड़, भलगों और शंभुवाला आदि क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने बनाया है. जिसे महिलाएं 20-50 रुपये में बेचेंगी.
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