Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा नूरपुर की खेल पंचायत में पिछले आठ वर्षों से किसी भी रास्ते का निर्माण नहीं करवाया गया है. आम जनता का विकास करवाने वाले अपने ही रास्ते का निर्माण नहीं करवा पाए हैं.
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भूषण शर्मा/नूरपुर: जिन कंधों पर आम जनता अपने भविष्य को लेकर अपने आसपास या अपने क्षेत्र के विकास का कार्यभार सौंपती है. वहीं, पूरे पांच वर्षों तक अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनाव करके क्षेत्र के घर और विकास कार्य, जैसे रास्ते, गलियां, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे सभी विकास कार्यों की बागडोर संभालने के लिए चुने गए जनप्रतिनिधियों को यह सोच कर दे देती है कि उनके और उनके बच्चों का भविष्य ये प्रतिनिधि सुरक्षित करेंगे, लेकिन जब वही प्रतिनिधि अपने क्षेत्र के रास्तों के निर्माण को आठ वर्षों तक न करवा पांए और प्रशासन व सरकार के सामने सामूहिक रिजाइन देने की बात करें तो जाहिर है कि कान तो सबके खड़े होंगे ही.
हम बात कर रहे हैं विधानसभा नूरपुर की पंचायत खेल की, जहां के प्रतिनिधियों ने प्रशासन से पिछले आठ वर्षों से रुके हुए रास्ते के निर्माण कार्य को करवाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप और पुलिस सहायता की मांग रखी है.
खेल पंचायत के उपप्रधान बलवान सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि उनके स्वयं के और तीन चार अन्य घरों के लिए आठ वर्ष पहले जिला परिषद फंड से 40 हजार रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी. रास्ते के निर्माण कार्य के लिए सीमेंट और मैटेरियल भी उपलब्ध करवा दिया गया. उन्होंने बताया कि सड़क से उनके घर तक बीच में सरकारी और उनकी स्वयं की भूमि है, जिसकी कई बार वह स्वयं मार्केशन करवा चुके हैं. इसके अलावा वन विभाग ने भी इसकी मार्केशन करवाई है.
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उन्होंने बताया कि इसके साथ लगते मकान के मालिक ने इस सरकारी और मेरी स्वयं की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है, जिस कारणवश पिछले आठ वर्षों से रास्ते का निर्माण कार्य रुका हुआ है. उन्होंने कहा कि हमनें इसकी लिखित शिकायत स्थानीय प्रशासन से भी की है. पुलिस की निगरानी में इस कार्य को करवाने की भी मांग रखी है, लेकिन जब भी प्रशासन या पुलिस मौके पर पहुंचते हैं तब वह कहीं भाग जाता है और नोटिस भी रिसीव नहीं करता है.
अब सवाल यह उठता है कि जब प्रतिनिधियों द्वारा प्रशासन से विकास कार्य को करवाने के लिए बार-बार गुहार लगाई जाती है तो फिर प्रशासन का रवैया क्यों इतना लेट और ढिलमुल रहता है. यह गंभीर चिंतन का भी विषय है. आखिरकार तंग आकर पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रशासन को लिखित शिकायत देकर सामूहिक रिजाइन की बात कही है.
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इस बारे में जब नूरपुर एसडीएम गुरसिमर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें पंचायत प्रतिनिधियों की लिखित शिकायत मिली है. संबंधित पटवारी को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. साथ में जिस अवैध कब्जे की बात प्रतिनिधियों द्वारा की जा रही है उसकी भी मिसल बन गई है. उस पर भी कानूनी रूप से बनती कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने कहा कि पंचायत प्रधान को रास्ते के निर्माण कार्य को शुरू करने के लिए कह दिया गया है. उनको आश्वस्त भी किया गया है कि अगर विकास कार्य में कोई अड़ंगा लगाता है तो पुलिस और राजस्व विभाग को भी तुरंत एक्शन के लिए कह दिया गया है.
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