Himachal Farmer: बिलासपुर में पहले मौसम की मार के बाद तेज हवाओं के चलने से क़रीबन 30% आम की फसल को पहुंचा नुकसान है. आम की फसल बर्बाद होने से बागवानों के चेहरे मायूस हैं.
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Bilaspur News: बिलासपुर में आम की फसल पर तेज हवाओं एवं तूफान के चलने से भारी क्षति पहुंची है. ग़ौरतलब है कि बिलासपुर में विभिन्न तरह के फलों के उत्पादन क्षमता का 50% आम का उत्पादन होता है, जिसपर बागवानों की आर्थिकी निर्भर होती है.
ऐसे में जिला के बागनावों को यह उम्मीद रहती है कि आम की फसल अच्छी होगी तो उनके परिवार का सालाना खर्चा निकल जायेगा, लेकिन पहले सूखे की मार और फिर तेज हवाओं के चलने से इस बार आम की फसल को भारी क्षति पहुंची है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार जब आम के पेड़ों पर बोर निकला था तो उस दौरान मौसम में बदलाव आने की वजह से आम की फसल पर पहले ही मौसम की मार पड़ गई थी, जिसके बाद अब तेज तूफ़ान व हवाओं के चलते आम फल झड़ जाने से पैदावार पर असर पड़ा है.
वहीं बाग़वानी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, गत वर्ष आम की फसल के लिए ऑफ ईयर था लेकिन इस बार आम की फसल ऑन ईयर है. बावजूद इसके आम की फसल की कम पैदावार होने के आसार नजर आ रहे हैं. वहीं बागवानों का कहना है कि अगर आम की फसल अच्छी होती है तो बाज़ार में अच्छी क़ीमत मिल जाती मगर कम पैदावार होने से उनके हाथ मायूसी ही लग रही हैं.
बागवानो ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि तेज हवाओं एवं तूफान के चलने से उनकी आम की फसल को जो क्षति पहुंची है. उसका सर्वेक्षण करवाया जाए और नुकसान के मुताबिक उनकी आर्थिक मदद की जाये. वहीं इस संदर्भ में बागवानी विभाग बिलासपुर की उपनिदेशक डॉक्टर माला शर्मा ने कहा कि तेज हवाएं एवं तूफान चलने से जिला बिलासपुर में करीब 25 से 30% आम की फसल को नुकसान पहुंचा है, जिसका विभागीय तौर पर इस संदर्भ में सर्वेक्षण भी करवाया जा रहा है और सर्वेक्षण की फाइनल रिपोर्ट आने पर इसे उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दिया जाएगा.
साथ ही उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में करीब 3,800 हेक्टर भूमि पर आम की फसल की जाती है. बीते वर्ष भी जिले में 3,400 मिट्रिक टन आम की फसल हुई थी, जिसे देखते हुए इस बार 4,000 मिट्रिक टन आम की फसल होने का अनुमान लगाया गया था, मगर अभी तक मौसम की बेरुखी का असर आम की पैदावार पर पड़ता दिखाई दे रहा है और आने वाले समय में अगर बारिश नहीं होती. साथ ही आंधी व तूफ़ान का दौर देखने को मिला तो इससे आम की फसल और अधिक प्रभावित होगी.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर