Navratri: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की ऐसे करें पूजा, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
Advertisement

Navratri: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की ऐसे करें पूजा, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Navratri 2022 Day 1 maa shailputri: आज नवरात्रि का पहला दिन है. आज के दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की बेटी हैं. मां शैलपुत्री को सती, हेमवती और उमा के नाम से भी जाना जाता है. . मां के दाएं हाथ में त्रिशुल और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है.

Navratri: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की ऐसे करें पूजा, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Navratri 2022 Day 1 maa shailputri: 26 सितंबर 2022 सोमवार यानी आस से मां अंबे का पर्व नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. यह मां अंबे की प्रथम स्परूप हैं. नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है. आज के इस खबर में हम आपको बताएंगे कि शारदीय नवरात्र के पहले दिन कैस मां शैलपुत्री की आपको विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. साथ ही कलश स्थापित करने का शुभ मुहूर्त क्या है. 

Navratri 2022: नवरात्रि में 9 दिन पहने इस रंग के कपड़े, मां अंबे की बरेसगी कृपा

मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की बेटी हैं. मां शैलपुत्री को सती, हेमवती और उमा के नाम से भी जाना जाता है. मां श्र्वेत कपड़े  धारण कर वृषभ की सवारी करती हैं. मां के दाएं हाथ में त्रिशुल और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है. मां शैलपुत्री को प्यार, करूणा, धैर्य और इच्छाशक्ति का प्रतीक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप की विधि-विधान से पूजा करने से भक्त की सारी मनोकामनाएं मां पूरी करती हैं. 

Navratri 2022: नवरात्रि के दौरान करें घर में ये कुछ खास उपाय, धन की नहीं होगी कमी!

पूजा विधि
1. नवरात्रि के पहले दिन आपको सबसे पहले कलश स्थापना करना चाहिए और अखंड ज्योति जलाकर भगवान गणेश का ध्यान करना चाहिए. 

2. मां शैलपुत्री को सफेद रंग पसंद है इसलिए पूजा में इस रंग के फूल का जरूर इस्तेमाल करें. आप खुद भी सफेद रंग के कपड़े पहन कर पूजा कर सकते हैं. 

3.  मां की मूर्ति या तस्वीर को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर स्थापित करें. इसके बाक कुमकुम, सफेद चंदन, हल्दी, अक्षत, सिंदूर और पान-सूपारी मां को अर्पित करें. 

4. इसके साथ ही फल और श्रृंगार को सामान मां को चढ़ाएं. 

5. अब धूप, दीप, चढ़ाकर मां का ध्यान करें और मां अंबे के मंत्र पढ़ें. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते

6. आखिरी मां की आरती उतारें. आप जय अंबे गौरी आरती गा सकते हैं. 

शुभ मुहूर्त
जानकारी के अनुसार, इस बार प्रतिपदा में दिनभर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है. 

1. अभिजीत मुहूर्त का समय सुबह 11.36 बजे से 12.24 तक रहेगा. 
2. शुभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 6 बजे से 7.30 बजे फिर सुबह 9 बजे से 10.30 बजे और इसके बाद दोपहर 1.30 बजे से शाम 6 बजे तक है. 

बता दें, इस बार मां हाथी पर बैठकर आगमन कर रही हैं. जो देश के लिए सामान्य फलदायक और वर्षा कारक होगा. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Watch Live

Trending news