हमीरपुर के कैप्टन मृदुल शर्मा के शहीदी दिवस के मौके पर विधायक सहित परिवार ने की श्रद्धांजलि अर्पित
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हमीरपुर के कैप्टन मृदुल शर्मा के शहीदी दिवस के मौके पर विधायक सहित परिवार ने की श्रद्धांजलि अर्पित

Hamirpur News: हमीरपुर के वीर सपूत कैप्टन मृदुल शर्मा को उनकी 20वीं पुण्यतिथि पर याद किया गया. वहीं, इस दौरान विधायक आशीष शर्मा ने कहा शहीद स्मारक बनाने का काम जारी है. 

हमीरपुर के कैप्टन मृदुल शर्मा के शहीदी दिवस के मौके पर विधायक सहित परिवार ने की श्रद्धांजलि अर्पित

Hamirpur News: देश की रक्षा के लिए कैप्टन मृदुल शर्मा ने अपनी जान न्यौछावर करके देश की रक्षा में एक नई बहादुर की कहानी लिखी थी. उनकी पुण्यतिथि पर मृदुल चौक पर उनकी नई प्रतिमा का भी अनावरण परिवार की मौजूदगी ने किया गया. इस मौके पर शाहिद के भाई मुकुल शर्मा विधायक आशीष शर्मा तथा जिला प्रशासन के अधिकारी विशेष रूप से मौजूद रहे. 

आपको बता दें, कि शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा ने आतंकियों के साथ लोहा लेते हुए अपने दो साथियों की जान बचाते हुए लगभग 2 घंटे तक लड़ाई लड़ने के बाद देश के लिए अपने जान का बलिदान दिया था. इस उपलक्ष में हर वर्ष हमीरपुर में उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी जाती है.

हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा की शहादत को याद करने के लिए आज उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी शहादत हम को हमीरपुरवासी हमेशा याद रखते हैं. वहीं शाहिद स्मारक के बनने में हो रही देरी के प्रश्न पर विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा का स्मारक बनाने का काम जारी है. हालांकि बीच में इस स्मारक के लिए बजट की भी कमी आ रही थी, लेकिन जल्द ही इसके लिए सारा बजट उपलब्ध करवाकर इस स्मारक का निर्माण कार्य पूरा करवाया जाएगा. 

शहीद मृदुल शर्मा के बड़े भाई मुकुल शर्मा ने कहा कि कैप्टन मृदुल की बहादुरी को आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी. कैप्टन मृदुल बहादुरी दिखाते हुए किस देश की रक्षा के लिए जान न्योछावर की थी. उन्होंने बताया कि हर वर्ष शहीद की बटालियन से सैनिक उन्हें सम्मान देने पहुंचते थे लेकिन शहीद स्मारक के कार्य पूरा न होने के कारण उन्हें इस वर्ष आमंत्रित नहीं किया गया. 

शहीद मृदुल की शहादत को याद करते हुए उनके भाई ने बताया कि 31 दिसंबर 2003 की रात को आतंकियों के छिपे रहने की सूचना प्राप्त हुई थी, जिसके बाद उनके नेतृत्व में ऑपरेशन किया गया था. जिस दौरान अपने दो साथियों को बचाते हुए उन्होंने शहादत प्राप्त की. उन्होंने बताया कि हर साल आज ही के दिन उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. 

रिपोर्ट- अरविंदर सिंह, हमीरपुर

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