Himachal Pradesh में आई आपदा से किसानों को हुआ भारी नुकसान
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Himachal Pradesh में आई आपदा से किसानों को हुआ भारी नुकसान

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा से न सिर्फ मकानों और वाहनों को नुकसान हुआ है बल्कि इस आपदा के कारण किसानों को भी काफी नुकसान हुआ है. 

 

Himachal Pradesh में आई आपदा से किसानों को हुआ भारी नुकसान

Himachal Pradesh Farmer News: हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसे देखते हुए महाराणा प्रताप पौंग बांध से भी पानी छोड़ा जा रहा है. पौंग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण फतेहपुर व इंदौरा के मंड क्षेत्र के कई गांवों और साथ लगते आसपास के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी जलभराव के कारण स्थिति भयावह हो गई है. इस जलभराव के कारण लोगों को अपने घर छोड़कर मजबूरन सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है. पुलिस प्रशासन व एनडीआरएफ की टीमें पानी में फंसे लोगों के रेस्क्यू में जुट गई हैं.

बुधवार को एससीएम इंदौरा को मंड के बहादपुर में कुछ लोगों और उनके पशुओं को बाढ़ में फंसे होने की सूचना मिली थी, जिसके तुरंत बाद कार्रवाई करते हुए एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. टीम ने स्थानीय निवासी सुभाष चंद्र पुत्र ज्ञानचंद सुभाष की पत्नी सीमा देवी, बेटा अमन शर्मा, बेटी अंजू शर्मा और 6 बकरियों व 2 भेड़ों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर रेस्क्यू कर पहुंचाया.

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वहीं, हिमाचल पंजाब की सीमा को जोड़ने वाला रियाली स्थित पुल भी व्यास नदी में छोड़ें गए पानी में ध्वस्त हो गया है. यह पुल हिमाचल मंड क्षेत्र के स्थानीय निवासियों किसानों की मूलभूत सुविधाओं व व्यापार के दृष्टिगत महत्वपूर्ण था. इस पुल के पानी में बह जाने से मंड भोगरवां, रियाली पराल, हलेड गांवो का वडूखर से संपर्क टूट गया है. इन गांव से आने जाने वालों को अब कश्ती के सहारे ही अपने गंतव्य तक पहुंचना होगा.

पौंग बांध में छोड़े जा रहे पानी से मंड क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. स्थानीय किसानों ने अपनी सैकड़ों हेक्टर निजी भूमि पर भिंडी, कद्दू, लौकी जैसी की सब्जियों की फसल उगाई हुई थी जो व्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण नष्ट हो गई. ऐसे में अब किसान अपनी नकदी फसल को हुए नुकसान से त्रस्त हो गया है. 

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किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है. इसकी भरपाई वह कैसे कर पाएंगे अब यह उनके लिए यह चिंता का विषय बन गया है. प्रभावित किसानों ने सरकार से उनकी फसलों को हुए नुकसान का आंकलन कर मुआवजे की मांग की है. इसी कड़ी में ग्राम पंचायत सुरडवां के किसानों की लगभग 500 कनाल भूमि पर उगाई गई सब्जियों की फसल ब्यास नदी के जल स्तर बढ़ने के कारण तबाह हो गई हैं.

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