Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को लेकर अब यहां राजनीति होने लगी है. पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं. धर्मशाला में कैबिनेट मंत्री प्रोफेसर चौधरी चंद्र कुमार ने एक प्रेसवार्ता के दौरान केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
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विपन कुमार/धर्मशाला: भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश में हुए नुकसान को लेकर बुधबार को धर्मशाला में कैबिनेट मंत्री प्रोफेसर चौधरी चंद्र कुमार ने प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने बताया कि इस बार बरसात हिमाचल प्रदेश में डरा रही है. उन्होंने कहा कि बरसात तो पहले भी होती रही है, लेकिन इस बार बरसात की वजह से हिमाचल प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है.
उन्होंने कहा कि चेरापूंजी के बाद धर्मशाला में भारी मात्रा में बरसात होती थी, लेकिन आज लगता है कि सबसे ज्यादा बारिश शिमला में हुई है. उन्होंने कहा कि किस तरह से कुल्लू मनाली और जिला चंबा में बरसात की वजह से प्रलय आई है. इस बारिश की वजह से बहुत से घर बह गए हैं. काफी मात्रा में संपत्ति को नुकसान हुआ है. बहुत से लोगों की जान भी गई है. इन परिस्थितियों में प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐसा कोई रास्ता नहीं छोड़ा है जहां सुखविंदर सिंह सुक्खू ना गए हों.
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चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि कांगड़ा जिला में भी नुकसान हुआ है, लेकिन जितना नुकसान कुल्लू मनाली और शिमला जिला में हुआ है उतना नुकसान कांगड़ा जिला में नहीं हुआ है. साथ ही बताया कि प्रदेश में जितने भी डैम अथॉरिटी हैं चाहे वह पोंग डैम हो या अन्य डैम अथॉरिटी हों कोई भी रिहर्सल नहीं करती हैं. समय-समय पर अपने डैम के गेटों को भी चेक नहीं करते हैं और जब आपदा की घड़ी आती है तो बिना किसी सूचना के डैम के गेट को खोल देते हैं, जिस कारण तबाही का मंजर सामने आता है.
उन्होंने कहा कि कम से कम जितने भी डैम अथॉरिटी हैं उन सभी को अपनी कार्य प्रणाली को सुधारना चाहिए. डैम अथॉरिटी हमेशा बहाने लगाती आई है कि पीछे से पानी का बहाव ज्यादा है इसलिए हमे गेट खोलने पड़े हैं और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डैम अथॉरिटी से भी बात की है. उन्होंने कहा कि जितना नुकसान डैम से पानी छोड़ने की वजह से हुआ है उन सब की भरपाई भी आपको ही करनी पड़ेगी.
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चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि अभी तक भारत सरकार से कोई भी मदद नहीं आई है. हिमाचल प्रदेश में इतनी आपदा आई है कि इसे भी राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए था, लेकिन इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं ने भी कोई ज्ञापन नहीं दिया. प्रदेश के मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री से मिले और इतनी बड़ी जलप्रलय उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हुई और देश के प्रधानमंत्री ने एक दिन भी कोई भी चर्चा नहीं की. इसके साथ ही कहा कि भारत सरकार को सभी राजनितिक पार्टियों को एक ही दृष्टि के साथ देखना चाहिए.
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