Shimla News: हिमाचल में विपक्ष ने राज्यपाल को विधानसभा अध्यक्ष के तानाशाही पूर्ण रवैये के खिलाफ सौंपा ज्ञापन
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Shimla News: हिमाचल में विपक्ष ने राज्यपाल को विधानसभा अध्यक्ष के तानाशाही पूर्ण रवैये के खिलाफ सौंपा ज्ञापन

Shimla News: प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण वित्तीय संकट इतना गहरा गया है कि हालात आर्थिक आपातकाल जैसे पैदा हो गए हैं- जयराम ठाकुर

Shimla News: हिमाचल में विपक्ष ने राज्यपाल को विधानसभा अध्यक्ष के तानाशाही पूर्ण रवैये के खिलाफ सौंपा ज्ञापन

Shimla News: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बताया की हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का विधायक दल राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ध्यान में लाना चाहते हैं कि चौदवीं विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया का व्यवहार सदन के अन्दर और बाहर जहां विधायकों की भावना को आहत कर रहा है, वहीं विधानसभा अध्यक्ष के संवैधानिक पद की गरिमा को भी ठेस पहुंचा रहा है. 

सदन के अन्दर तो विधानसभा अध्यक्ष का रवैया पक्षपात एवं तानाशाही पूर्ण रहता है. हमेशा नियमों एवं परम्पराओं के खिलाफ काम करते हुए सत्ता पक्ष को लाभ पहुंचाने का प्रयास करते हैं. विपक्षी सदस्यों विशेषकर नेता प्रतिप्रक्ष द्वारा नियमों का हवाला देने पर हमेशा यही कहा जाता कि मुझे सब पता है मुझे सिखाने की जरूरत नहीं है.

महोदय लोकसभा चुनाव के दौरान एक कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष महोदय ने भाषण देते हुए कहा कि मैंने छः विधायकों के सिर कलम कर दिए हैं और तीन मेरे आरे के नीचे तरफ हैं. ये शब्द अलोकतांत्रिक व असंसदीय हैं और जहां इससे विधायकों की भावना आहत हुई है. वहीं विधानसभा अध्यक्ष पद की गरिमा को भी ठेस पहुंची है. 

सदन के अन्दर विधायक इन्द्र दत्त लखनपाल द्वारा यह मुद्दा उठाने पर विधानसभा अध्यक्ष ने खेद प्रकट करना तो दूर शब्द भी वापस नहीं लिए और उल्टा सदन के बाहर फिर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियां की. हद तो तब हो गई जब मीडिया के सामने कहा कि नेता प्रतिपक्ष मेरे से बहुत जूनियर हैं वो मुझे क्या सिखाएंगे. 

आज सुबह भाजपा विधायक दल ने नियम-274 के अन्तर्गत विधानसभा सचिव को विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने का संकल्प प्रस्तुत किया. इसके बावजूद भी विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद अध्यक्ष महोदय अपने आसन पर आकर बैठ गए, जबकि नैतिकता के आधार पर उन्हें संकल्प पेश होने और उस पर चर्चा तथा मतदान होने तक आसन पर नहीं आना चाहिए था. 

यही नहीं भाजपा विधायक दल ने नियम-67 के अन्तर्गत प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया था, जिसपर भी कोई गौर नहीं फरमाया गया. उहोंने राज्यपाल से बात करते हुए कहा कि महोदय आप जानते हैं आज सितम्बर माह की दो तारीख हो गई लेकिन कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है, जिससे स्पष्ट है कि प्रदेश आर्थिक दिवालियापन की कगार पर पहुंच गया है. 

प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण वित्तीय संकट इतना गहरा गया है कि हालात आर्थिक आपातकाल जैसे पैदा हो गए हैं. इसलिए हमारा मानना था कि आज सदन के अन्दर सभी कार्य स्थगित कर नियम-67 के अन्तर्गत इस विषय पर चर्चा हो, लेकिन अध्यक्ष महोदय ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार द्वारा बार-बार निवेदन करने पर भी चर्चा नहीं करवाई, जिसके कारण हमें आज फिर बहिष्कार करना पड़ा.  भाजपा विधायक दल राज्यपाल से निवेदन करता है कि प्रदेश की वर्तमान परिस्थितियों विशेषकर आर्थिक स्थिति को देखते हुए उचित कार्यवाही करने की कृपा करें. 

नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा. उनके साथ इस अवसर पर रणधीर शर्मा, विपिन परमार, अनिल शर्मा, इंदर लखनपाल, राकेश जमवाल, रीना कश्यप, प्रकाश राणा, इंदर गांधी, सुधीर शर्मा, पवन काजल, बिक्रम ठाकुर, दीपराज कपूर, दिलीप ठाकुर, आशीष शर्मा, सुरेंद्र शौरी, जीतराम कटवाल, सतपाल सत्ती, सुखराम चौधरी, हंस राज, बलबीर वर्मा, जनक राज उपस्थित रहे.

रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला

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