Wild Flower Hotel: वाइल्ड फ्लावर होटल बनाम सरकार मामले में आज हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए ओबेरॉय ग्रुप को सरकार को होटल वापस करने के निर्देश दिए.
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समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में लंबे समय से विचाराधीन वाइल्ड फ्लावर होटल बनाम सरकार मामले में आज प्रदेश की सुक्खू सरकार को बड़ी जीत हासिल हुई है. इस मामले में आज हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई. इस दौरान कोर्ट ने प्रदेश की सुक्खू सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया, यानी अब छरबाड़ा में बने वाइल्ड फ्लावर होटल पर ओबेरॉय ग्रुप का कोई कब्जा नहीं होगा.
एक-एक CA देकर पूरी की जाएगी अकाउंट्स से जुड़ी प्रक्रिया
बता दें, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने होटल प्रबंधन की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है और वाइल्ड फ्लावर होटल हिमाचल सरकार को देने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने 2 महीने में प्रक्रिया को पूरा करने के भी निर्देश दिए हैं. हिमाचल सरकार, ईस्ट इंडिया होटल प्रबंधन और पर्यटन विकास निगम एक-एक सीए देकर अकाउंट्स से जुड़ी प्रक्रिया पूरी करेंगे.
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15 मार्च 2024 को अदालत में देनी होगी अनुपालना रिपोर्ट
जस्टिस सत्यैन वैद्य की अदालत ने ओबेरॉय ग्रुप की रिव्यू पिटीशन को खारिज किया. उन्होंने सरकार के वारंट ऑफ पोजीशन पर ओबेरॉय ग्रुप प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि दो महीने के भीतर ओबेरॉय ग्रुप पर कब्जा हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को सौंपा जाए. इसकी अनुपालना रिपोर्ट 15 मार्च 2024 को अदालत में देनी होगी. कोर्ट ने इक्विटी की भी अदायगी सरकार को देने के निर्देश दिए हैं. इस तरह शिमला के छराबड़ा में दो महीने बाद होटल पर सरकार का कब्जा हो जाएगा.
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22 साल तक लड़ी अदालती लड़ाई
वहीं, सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल आईएन मेहता ने कहा कि लगभग 22 साल तक अदालती लड़ाई के बाद वाइल्ड फ्लावर होटल पर सरकार का कब्जा होने जा रहा है. कोर्ट ने सरकार के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने वाइल्ड फ्लावर होटल वापस सरकार को देने के निर्देश दे दिए हैं.
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