Ganesh Chaturthi: मंडी में गणेश उत्सव शुरू, कई स्थानों पर स्थापित किए गणपति बप्पा
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Ganesh Chaturthi: मंडी में गणेश उत्सव शुरू, कई स्थानों पर स्थापित किए गणपति बप्पा

Ganesh Chaturthi in Mandi: राजा सिद्ध सेन द्वारा बनाए गए प्राचीन सिद्ध गणपति मंदिर में गणेश उत्सव का शुभारंभ हुआ. वहीं आज से कई सारे कार्यक्रम का आयोजन भी हो रहा है. 27 सितंबर को गहरा देवी देवताओं के साथ गणपति विसर्जन होगा. 

Ganesh Chaturthi: मंडी में गणेश उत्सव शुरू, कई स्थानों पर स्थापित किए गणपति बप्पा

Mandi News: गणेश उत्सव के उपलक्ष पर आज से 27 सितंबर तक सिद्ध गणपति मंदिर में भगवत गीता का आयोजन किया जाएगा. हिमाचल प्रदेश में आपदा के कारण हुई तबाही को शांत करने के लिए भी गणपति उत्सव से लेकर गणपति विसर्जन तक, पूजा पाठ किए जाएंगे. जिसके लिए मन्दिर में कलश भी रखे गए हैं. 

मंडी के प्राचीन सिद्ध गणपति मंदिर में गणेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें बतौर मुख्यतिथि एडीसी मंडी निवेदिता नेगी ने शिरकत की. सर्वप्रथम मंदिर में एडीसी मंडी ने भगवान गणेश की पूजा अर्चना की तदोपरांत ब्राह्मणों द्वारा मंत्रों उच्चारण कर विधि पूर्वक भगवान गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित किया गया. 

वहीं, पहली बार 27 सितंबर को मंडी के प्राचीन सिद्ध गणपति मंदिर में ज्वालापुर के सिद्ध गणपति तीन बजे विराजमान होंगे. यह जानकारी सिद्ध गणपति कमेटी के प्रवक्ता सीएन वर्मा ने दी. उन्होंने कहा कि 11 देवता उस दिन मंडी में आएंगे. वहीं मंडी शहर में भगवान गणेश के उत्सव पर जगह-जगह भगवान गणेश की बड़ी व छोटी मूर्तियां भक्तों द्वारा स्थापित की गई है. 

आपको बता दें,  कि यह पर्व भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इसी तिथि पर गणेश जी प्रकट हुए थे और उनके जन्मदिन पर सभी बप्पा को घर लेकर आते हैं. कहा जाता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन ही माता पार्वती ने अपने मैल से एक पुतला बनाकर उसमें प्राण डाले थें.

इन्हें गणेश का नाम दिया गया. यही वजह है कि हर साल इस दिन रिद्धि सिद्धि के दाता, बुद्धि, ज्ञान के कारक गणपति का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इसे कलंक चतुर्थी या पत्त्थर चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है और यह त्योहार 10 दिन तक यानी गणेश चतुर्थी से चतुर्दशी तिथि तक चलता है. 

बता दें, सिद्ध गणपति मंदिर में प्रतिदिन 27 सितंबर तक 2 से 5 बजे तक भगवत कथा का आयोजन किया जाएगा. 28 सितंबर को पूर्णाहुति के बाद भव्य शोभायात्रा मंडी शहर में निकाली जाएगी. उसके पश्चात व्यास नदी में गणपति विसर्जन किया जाएगा. 

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