Farmer News: हिमाचल प्रदेश में काफी समय से बारिश नहीं हुई है, जिसके चलते यहां के किसान काफी परेशान हैं. बारिश ना होने के चलते खेत सूखे पड़े हैं और किसान गेहूं की फसल की बिजाई नहीं कर पा रही है.
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भूषण शर्मा/नूरपुर: हिमाचल प्रदेश की नूरपुर विधानसभा और इसके साथ लगती विधानसभाओं के किसान रोजाना बादलों की ओर नजर गड़ाए बैठे हैं. किसान हर दिन बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं. बारिश ना होने की वजह से इस बार किसान अपनी गेहूं की फसल की बिजाई नहीं कर सके. हालांकि गेहूं की फसल को लेकर 15 नवंबर से लेकर लास्ट नवंबर तक का समय सही माना जाता है.
किसान कर्ण हीर ने बताया कि उन्होंने गेहूं का बीज और खाद लेकर घर में रखा है. बारिश भी नहीं हो रही है. जमीन में कोई नमी भी नहीं है. ऐसे में कैसे फसल बीज पाएंगे. हर तरफ बस नुकसान ही नुकसान दिखाई दे रहा है. दूसरा किसानों के लिए एमएसपी ना पंजाब में है और ना हिमाचल में है. एमएसपी लागू हो तो सभी को फायदा होगा. इसका किसानों को तो फायदा होगा ही, साथ ही आम लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.
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अगर किसानों की गेहूं की फसल दो हजार रुपये किवंटल बिकती है और आटा 35- 40 रुपया मिल रहा है. अगर अभी बारिश हो जाती है तो फसल 50 प्रतिशत होगी, क्योंकि हम लोग 15 नवंबर से गेहूं की बिजाई शुरू कर देते थे, जो नवंबर आखिरी तक हो जाती थी, लेकिन इस बार बारिश ना होने से दिसंबर माह में अभी तक बिजाई नहीं हो पाई है. हम सभी रोज बादलों की तरफ देखते रहते हैं कि कब बरसेंगे कब हम बिजाई कर सकेंगे.
किसान हरी सिंह ने बताया कि मैं एक किसान हूं. मेरी उम्र 71 साल हो चुकी है. मैंने ऐसा मौसम अपनी जिंदगी में पहली बार देखा है कि दिसंबर भी खत्म होने वाला है, लेकिन बारिश नहीं हो रही है. मैं तीन चार कम्मा फसल लगाता था, लेकिन खेतों में नमी नहीं है तो हम कैसे फसल लगाएं. किसान ने कहा कि बहुत समस्या हो गया है. अगर अब बारिश हो भी जाती है तो भी फसल उस किस्म की नहीं होगी. अब तो बीज और खाद खराब करने वाली बात ही होगी.
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