अनुराग ठाकुर ने धोला सिद्ध परियोजना को बताया ऐतिहासिक, कहा- इस परियोजना से हिमाचल बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ
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अनुराग ठाकुर ने धोला सिद्ध परियोजना को बताया ऐतिहासिक, कहा- इस परियोजना से हिमाचल बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ

Hamirpur News: सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) ने हमीरपुर कांगड़ा जिला की सीमा के साथ बहती ब्यास नदी पर 66 मेगावाट की धौला सिद्ध जल विद्युत परियोजना निर्माण जोरो पर चल रहा है. 

अनुराग ठाकुर ने धोला सिद्ध परियोजना को बताया ऐतिहासिक, कहा- इस परियोजना से हिमाचल बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ

Hamirpur News: सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) ने हमीरपुर कांगड़ा जिला की सीमा के साथ बहती ब्यास नदी पर 66 मेगावाट की धौला सिद्ध जल विद्युत परियोजना निर्माण जोरो पर चल रहा है. इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसम्बर 2021 को वर्चुअल माध्यम से किया था. 

परियोजना के लिए वर्ष 2020 में 687.97 करोड़ रुपये प्राप्त करने में तत्कालीन वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के प्रयास से प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ और इस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ. परियोजना का वित्‍त पोषण 80:20 के ऋण इक्विटी अनुपात में किया जा रहा है. 

54 माह के भीतर एसजेवीएन इसका निर्माण पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और नवम्बर 2025 तक परियोजना को पूरी तरह तैयार कर देश को समर्पित किया जाएगा. इस परियोजना के शुरू होने पर सालाना 304 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा. परियोजना के पूरा होने पर यह हिमाचल का पहला बिजली घर होगा. 

गौरतलब है कि धौला सिद्ध में ब्यास पर बिजली परियोजना की कल्पना 1998 में नादौन निर्वाचन क्षेत्र के तहत तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की शुरुआत की थी.  इस परियोजना की परिकल्पना 27 अक्टूबर 2008 को की गई थी. परियोजना के लिए एसजेवीएन तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच एमओयू साइन किया गया था और 06 मार्च 2021 को चरण 1 की मंजूरी प्रदान की गई. 

वर्ष 2022 में कंपनी ने दो जुलाई को डायवर्जन टनल के निर्माण के लिए पहली ब्लास्टिंग की थी. इसके अलावा कंपनी ने मौके पर साइट डेवलपमेंट भी शुरू कर दिया है. कुछ संपर्क सड़कों का निर्माण पहले ही किया जा चुका था. धौला सिद्ध जल विद्युत परियोजना के परियोजना प्रमुख अजय डोगरा ने बताया कि 66 मेगावाट की उत्‍पादन क्षमता के साथ धौला सिद्ध जलविद्युत परियोजना हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में ब्‍यास नदी पर बनाया जा रहा है. 

यह परियेाजना एक छोटे ताजा भण्‍डारण के साथ एक रन-ऑफ-दी-रिवर परियोजना के रूप में डिजाईन की गई है, जिसका प्रयोग कम जल प्रवाह अवधि के दौरान पीकिंग विद्युत उत्‍पादन के लिए किया जाएगा. इस परियोजना से 90% विश्‍वसनीय वर्ष में 304 मि.यू. विद्युत उत्‍पादन की क्षमता है. उन्होंने बताया कि 54 माह के भीतर एसजेवीएन इसका निर्माण पूरा करेगा. परियोजना शुरू होने पर सालाना 304 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा.

परियोजना प्रमुख अजय डोगरा ने बताया कि रन-ऑफ-द-रिवर किस्म की यह परियोजना सुजानपुर से लगभग 10 किलोमीटर डाऊन स्ट्रीम में धौला सिद्ध में ब्यास नदी पर है. इसमें एक 195 मीटर लंबा, 70 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी डैम होगा.  इस बांध से लगभग 20 किलोमीटर एक जलाशय का निर्माण कार्य प्रगति पर है और वर्तमान में 40% काम पूरा हो चुका है. 

उन्होंने बताया कि डैम के ओवरफ्लो ब्लॉक 4,5,6 के फाऊंडेशन लेवल से लगभग 20 मीटर ऊपर तक कंक्रीट का कार्य भी पूरा किया जा चुका है. साथ ही परियोजना के बांध गड्ढे और दोनों नदी तटों पर खुदाई का काम पूरा हो चुका है और अब परियोजना का निर्माण कार्य अग्रिम चरण में पहुंच गया है.

डोगरा ने बताया कि पावर हाउस साइट पर खुदाई का काम भी पूरा हो चुका है और पावर हाउस की कंक्रीटिंग का पहला चरण जल्द ही शुरू हो जाएगा. टेल रेस चैनल की खुदाई का काम भी पूरा होने वाला है.

इस परियोजना से जहां सरकार की विद्युत क्षमता में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी, तो वहीं परियोजना से प्रभावित क्षेत्र की जनता को भी धोला सिद्ध परियोजना के सीएसआर कार्यों से भी लाभ पहुंच रहा है. परियोजना प्रमुख अजय डोगरा ने बताया कि परियोजना की तरफ से अभी तक ढाई सौ छात्रों को आईटीआई में तकनीकी प्रशिक्षण भी निशुल्क प्रदान करवाया गया है.

इसके अलावा लगभग 950 सोलर स्ट्रीट लाइट्स एवं 18 हाई मास्ट लाइट भी परियोजना के द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित की गई है. उन्होंने बताया कि शॉर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के माध्यम से भी परियोजना प्रभावित क्षेत्रों में छात्रों को ट्रेनिंग प्रदान की जा रही है. वहीं आम जनता की सुविधा के लिए स्वास्थ्य संबंधित सेवाएं भी परियोजना प्रभावित क्षेत्रों में शुरू की गई है, जिसके तहत मोबाइल वैन के माध्यम से ग्रामीणों को यह सुविधा मुहैया करवाई जा रही है. 

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद अनुराग ठाकुर ने धोला सिद्ध परियोजना को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के समय से हिमाचल प्रदेश में बिजली परियोजनाओं को बढ़ावा देने का काम शुरू किया गया था.

उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के स्थापित होने से हिमाचल प्रदेश बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है, जिसका लाभ उत्तर भारत को भी मिला है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना की परिकल्पना भी पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के समय में हुई थी, लेकिन केंद्र में यूपीए की सरकार होने के चलते इसमें देरी हुई. 

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार के समय उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर इस परियोजना का मामला उठाया और इस योजना को स्वीकृति प्रदान करते हुए 688 करोड़ रुपए मंजूर किए थे. नरेंद्र मोदी के द्वारा 27 दिसंबर 2021 को इस परियोजना का वर्चुअल माध्यम से फाऊंडेशन स्टोन रखा गया.  उन्होंने कहा कि निचले हिमाचल के लिए यह सौगात प्रेम कुमार धूमल और सतलुज जल विद्युत निगम की है.

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