Adbhut himachal ki sair: शादी से पहले दूल्हा मांगता है भिक्षा, जानें क्या 'जोगी रस्म'?
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh1658022

Adbhut himachal ki sair: शादी से पहले दूल्हा मांगता है भिक्षा, जानें क्या 'जोगी रस्म'?

Adbhut himachal ki sair: भारत लोकतांत्रिक ही नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक देश भी है. यहां अलग-अलग तरह की संस्कृति और रस्में देखने को मिल जाती हैं. ऐसे में आज अद्भुत हिमाचल की सैर में हम आपको बताने जा रहे हैं हिमाचल प्रदेश की जोगी रस्म के बारे में...

Adbhut himachal ki sair: शादी से पहले दूल्हा मांगता है भिक्षा, जानें क्या 'जोगी रस्म'?

Adbhut himachal ki sair: अक्सर आपने कुछ पुरूषों को कंधे से लेकर कमर तक एक धागा बांधे देखा होगा. यह धागा बाएं कंधे से दांई बाजू की ओर बंधा होता है, जिसे 'जनेऊ' कहा जाता है जबकि कई जगहों पर इसे 'उपनयन' भी कहा जाता है. जब किसी को जनेऊ पहनाया जाता है तो उसे 'द्विज बालक' कहा जाता है. 'द्विज' यानी उस वक्त जनेऊ पहनने वाले व्यक्ति का दूसरा जन्म होना माना जाता है. पहला जन्म तब जब वह धरती पर आया और दूसरा जन्म तब जब उसे 'जनेऊ' पहनाया गया. 

क्या होता है जनेऊ? (What is Janeu)
बता दें, 'जनेऊ' सूत से बना तीन धागों वाला एक पवित्र धागा होता है. इसे संस्कृत भाषा में 'यज्ञोपवीत' कहा जाता है. पुराने समय की बात की जाए तो पहले कम उम्र में ही जनेऊ धारण करवा दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि बचपन में जनेऊ धारण किया जाए. हालांकि हर जगह जनेऊ धारण करने का अलग तरीका होता है. 

ये भी देखें- Video: अद्भुत हिमाचल की सैर में जानें कुल्लू के 5 हजार साल पुराने देवदार के पेड़ का रहस्य

शादी से पहले जनेऊ पहनना अनिवार्य
अगर बात की जाए हिमाचल प्रदेश की तो यहां भी जनेऊ धारण करने का तरीका काफी अलग है. कुछ लोगों के घरों में जनेऊ संस्‍कार बचपन में ही संपन्‍न हो जाता है जबकि कुछ लोग इसे विवाह से पहले संपन्न कराते हैं. कहा जाता है कि जब तक कोई पुरुष जनेऊ धारण नहीं करता तब तक वह विवाह नहीं कर सकता है. ऐसे में इस रस्म को शादी समारोह के दौरान ही संपन्न करा दिया जाता है और अगर घर में बड़े भाई का विवाह होता है तो कुछ लोग बड़े भाई के साथ ही छोटे भाई को भी जनेऊ धारण करा दिया जाता है. 

रस्म के दौरान दूल्हा मांगता है भिक्षा
इस रस्म में लड़के को पहले महंदी लगाई जाती है और फिर उस पर हल्दी का लेप लगाया जाता है. इसके बाद उसे स्नान कराकर भिक्षा दी जाती है, जिस व्यक्ति को जनेऊ पहनाया जाता है उसे जोगी बनाकर कानों में कुंडल की जगह भल्ले, हाथ में एक चिमटा, सोठी और कांधे पर एक थैली टांगकर घर से थोड़ा दूर भेजा जाता है. इस दौरान उसकी मां, बहने और परिवार की बुजुर्ग महिलाएं उसकी झोली में भिक्षा डालती हैं.

ये भी पढ़ें- 'अद्भुत हिमाचल की सैर' में जानें ज्वाला देवी मंदिर में सदियों से बिना तेल बाती के जल रही जोत की अद्भुत कहानी

हंसी मजाक के साथ निभाई जाती है जोगी रस्म
इसके साथ ही घर की महिलाएं जनेऊ धारण करने वाले पुरुष गृहस्थ जीवन में प्रवेश कर उसे निभाने की कसम देकर उसे घर वापस लाती हैं. बता दें,  विवाहित व्यक्ति को छह धागों वाला जनेऊ धारण करना होता है. इन छह धागों में से तीन धागे स्वयं के और तीन धागे पत्नी के माने जाते हैं. हिमाचल प्रदेश की इस अनोखी जोगी रस्म को शादी ब्याह के अवसर पर हंसी-मजाक के साथ निभाया जाता है. 

WATCH LIVE TV

Trending news